एनआइए करेगी भोपाल ट्रेन हमले की जांचः राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। देश में आइएसआइएस के पहले आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) करेगी। लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसका ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने मुठभेड़ में मारे गए सैफुल्ला के पिता के आतंकी बेटे की लाश नहीं लेने के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि सैफुल्ला के पिता पर पूरे देश को नाज है और पूरा सदन उनके साथ खड़ा है। वहीं लखनऊ में सैफुल्ला के पिता मोहम्मद सरताज ने इस बयान के लिए शुक्रिया अदा किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सरताज के जज्बे को सलाम किया है।
संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग में पहले दिन लोकसभा में भोपाल ट्रेन विस्फोट पर बयान देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इसकी जांच एनआइए करेगी। वैसे घटना के दूसरे दिन ही एनआइए की टीम लखनऊ और भोपाल पहंुच गई थी और उत्तरप्रदेश एटीएस को जांच में मदद कर रही थी। लेकिन आतंकी हमला, मुठभेड़ और गिरफ्तारियां उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के दो राज्यों में फैले होने के कारण इसकी पूरी जांच एनआइए को देने का फैसला किया गया है। माना जा रहा है कि इस संबंध में एक-दो दिनों में गृहमंत्रालय की अधिसूचना जारी हो जाएगी और एनआइए केस दर्ज पूरी जांच को अपने हाथ में ले लेगी। गौरतलब है कि यह पहला मामला है जब आइएसआइएस भारत में विस्फोट करने में सफल रहा है।
एनआइए को जांच सौंपने की घोषणा के साथ ही राजनाथ सिंह ने आतंकी सैफुल्ला के पिता की सराहना की। सैफुल्ला के पिता ने मुठभेड़ में मारे गए बेटे की लाश लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि जो देश का नहीं हुआ, वो मेरा क्या होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘आज पूरा सदन सैफुल्ला के पिता के साथ खड़ा है।’ इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने पूरे आपरेशन में सुरक्षा एजेंसियों के आपसी सहयोग की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि भोपाल में ट्रेन में विस्फोट होने के बाद से ही आरोपियों की तलाश शुरू हो गई। केंद्रीय एजेंसियों ने विभिन्न राज्यों की एजेंसियों से मिल रही सूचनाओं को एकत्रित कर उत्तरप्रदेश एटीएस को मुहैया कराया और एटीएस ने उस पर पूरी तत्परता से कार्रवाई की। सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल का नतीजा है कि विस्फोट के चंद घंटे के अंदर आतंकियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई और आत्मसमर्पण नहीं करने पर सैफुल्ला को मार गिराया गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता से देश की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे से बचाया जा सका है।