Explainer: फाइटर जेट के कॉकपिट से राजपथ का नजारा, जानिए ये कैसे हुआ संभव
हवा से राजपथ के नजारे की दुर्लभ तस्वीरें लेने के लिए दूरदर्शन ने खास कैमरों का इस्तेमाल किया। इन्हें GoPro के नाम से जाना जाता है। करोड़ों दर्शकों ने रिपब्लिक डे परेड का लाइव टेलीकास्ट अपने घरों पर देखा। यह इन कैमरों की बदौलत ही संभव हो सका।
यह काम आसान नहीं था। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस तरह के कवरेज की चुनौतियों को समझ रहे थे। यही कारण है कि दूरदर्शन के इस तरह के सफल कवरेज से वह खुशी से फूले नहीं समाए। उन्होंने इस काम में लगी पूरी टीम को बधाई दी।
अनुराग ठाकुर ने इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ’73वें गणतंत्र दिवस के भव्य समारोह का सजीव प्रसारण जन-जन तक पहुंचे इसके लिए @prasarbharati और @DDNewslive की टीम ने तकनीकी रूप से कई प्रयोग किए जोकि काफी सफल रहे। पायलट के कॉकपिट सहित फ्लाईपास्ट के हवाई दृश्य का सजीव प्रसारण बहुत मनोहारी था। पूरी टीम को बधाई।’
कैसे मुमकिन हुआ कवरेज?
प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि टीम ने इमेज कैप्चर करने के लिए कॉकपिट के अंदर गोप्रो (GoPro) कैमरों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि मूल रूप से इस बार यह दूरदर्शन, रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना का संयुक्त प्रयास था। टीम को कॉकपिट में कैमरे प्रदान किए गए ताकि फुटेज को अलग-अलग किया जा सके। साथ ही एक व्यापक परिप्रेक्ष्य सुनिश्चित किया जा सके।
चुनौतियों से कैसे पाया पार?
इस कार्यक्रम को कवर करना काफी चुनौतीपूर्ण रहता है। दूरदर्शन के सामने इंडिया गेट पर नेशनल वॉर मेमोरियल से लेकर राष्ट्रपति भवन तक समूचे नजारों को कवर करने की चुनौती थी। इसके लिए 160 से ज्यादा लोगों को लगाया गया। करीब 59 कैमरों का इस्तेमाल हुआ। इंडिया गेट पर पारंपरिक तौर पर कैमरा रखना इसमें शामिल था। हालांकि, फ्लाई पास्ट और एरियल कवरेज ने आकर्षण चुरा लिया। इसने दर्शकों का मन मोह लिया।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स