भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा- आतंकवाद को अलग-अलग देखना खतरनाक, अलकायदा के रिश्ते लश्कर व जैश से हो रहे मजबूत
में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने मंगलवार को कहा कि अलकायदा के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के साथ संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम से आतंकी समूहों को दोबारा ऊर्जा मिली है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने अपनी रणनीति को बदल दिया है, जिसका ध्यान अब सीरिया और इराक में पैर जमाने पर है और इसके क्षेत्रीय सहयोगी अपने विस्तार को मजबूत कर रहे हैं, खासकर अफ्रीका और एशिया में।
तिरुमूर्ति ने कहा कि 2001 में 9/11 का आतंकवादी हमला आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण को लेकर एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। भारत ने अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों के चलते आतंकवाद का वर्गीकरण करने की संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की प्रवृत्ति को मंगलवार को खतरनाक करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने वैश्विक आतंकवाद रोधी परिषद की ओर से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2022 में कहा कि अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों के चलते संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की कट्टरपंथ से प्रेरित हिंसक अतिवादी और दक्षिणपंथी अतिवादी जैसे वर्गों में आतंकवाद का वर्गीकरण करने की प्रवृत्ति खतरनाक है।
यह दुनिया को 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए हमलों से पहले की उस स्थिति में ले जाएगी, जब आपके आतंकवादी और मेरे आतंकवादी के रूप में आतंकवादियों का वर्गीकरण किया जाता था।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स