बिल्डर को मीडिल क्लास को लूटने-खसोटने की इजाजत नहीं दी जा सकती, हमें उनकी चिंता है- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर को इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती है कि वह मिडिल क्लास को लूटें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि मॉडल बिल्डर बॉयर्स और एजेंट-बॉयर्स एग्रीमेंट की जरूरत है और यह समय की दरकार है कि यूनिफॉर्म शर्तें हों। फ्लैट के खरीद बिक्री में एक यूनिफर्म शर्तें हों और मॉडल बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट हो।
सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणीयाचिकाकर्ता एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने एनबीटी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिल्डर को मीडिल क्लास को लूटने-खसोटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। जरूरत है कि यूनिफॉर्म नियम बने। क्या बिल्डर को एकतरफा और मनमाना शर्त की इजाजत होगी। हमें घर चाहने वाले मीडिल क्लास की चिंता है। मेहता ने भी कहा कि बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट एकतरफा नहीं होना चाहिए। एग्रीमेंट यूनिफॉर्म हो। साथ ही सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मामले में जवाब के लिए वक्त दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते बाद की तारीख तय कर दी।
केंद्र सरकार को नोटिससुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था जिसमें याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि मॉडल बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट देश भर के लिए होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचू़ड की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि हमें लगता है कि इस मामले में कुछ गाइडलाइंस जारी करने की जरूरत है। अदालत ने 4 अक्टूबर 2021 को कहा था कि मामला महत्लपूर्ण है लिहाजा हम इस मामले का जल्दी ही निपटारा करेंगे।
मॉडल बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट होना चाहिएसुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा था कि रेरा के तहत कोई पैन इंडिया मॉडल मौजूद नहीं है। मॉडल बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट से रीयल इस्टेट में पार्दशिता आएगी और खरीददारों को फायदा होगा। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से विकास सिंह ने कहा था कि मॉडल एग्रीमेंट होना चाहिए और केंद्र को तैयार करना चाहिए। कुछ राज्यों के पास ऐसा है और कुछ के पास नहीं है। एग्रीमेंट में एकात्मकता के लिए मॉडल बिल्डर बॉयर्स एग्रीमेंट होना चाहिए।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स