शाह के आवास पर पंजाब चुनाव पर बनी रणनीति, वरिष्ठ साझेदार की भूमिका निभाएगी बीजेपी
अमित शाह के आवास में हुई बैठक शाह के आवास पर हुई बैठक के बाद भाजपा के पंजाब प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने तीनों दलों के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने की औपचारिक रूप से घोषणा की और कहा कि एक साझा चुनाव घोषणापत्र जारी किया जाएगा।
तीनों पार्टी मिलकर लड़ेंगी चुनाव शेखावत ने बैठक के बाद कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा ने यहां एक बैठक की और यह फैसला किया गया कि भाजपा, सिंह की पार्टी और ढींढसा की पार्टी पंजाब में मिलकर विधानसभा चुनाव लडेंगी।’ पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी शेखावत ने कहा कि सीट के बंटवारे संबंधी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें हर दल के दो नेता शामिल होंगे।
बिना चेहरे के पंजाब चुनाव में उतरेगी बीजेपी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा के बारे में पूछे जाने पर, शेखावत ने कहा कि गठबंधन चुनाव सामूहिक नेतृत्व के तहत लड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘भाजपा आमतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ती है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा प्रायोजित नहीं करेगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ भाजपा के पिछले गठबंधन के आधार पर सीट बंटवारा समझौता आधारित नहीं होगा।
सीट बंटवारा समझौता पर आधारित नहीं शेखावत ने कहा, ‘भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है जिसने दो लोकसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है और देश भर में अपना आधार विस्तारित किया है इसलिए पंजाब में गठबंधन राज्य में अकाली दल के साथ पिछले गठबंधन के सीट बंटवारा समझौता पर आधारित नहीं होगा। ’ मंत्री ने कहा कि दृष्टिकोण पत्र में पंजाब और सिखों के सभी लंबित मुद्दों पर जोर दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा राज्य में गठबंधन के वरिष्ठ साझेदार की भूमिका निभाएगी और 117 में आधी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
पंजाब में दिलचस्प होगा विधानसभा चुनाव भाजपा सूत्रों ने बताया कि में पंचकोणीय मुकाबला होने का अनुमान है, क्योंकि कांग्रेस, शिअद और आम आदमी पार्टी के अलावा विभिन्न किसान संगठन भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने और कांग्रेस छोड़ने के कुछ दिन बाद अपने अलग दल ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ का गठन किया। इससे पहले, भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दलों में शामिल शिअद तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गया था।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स