8 से 10 सालों में कश्मीर से पूरी तरह से आतंकवाद खत्म हो जाएगा, पूर्व आर्मी चीफ ने किताब में किया दावा
पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल एन सी विज का कहना है कि कश्मीर में दो-तीन साल के प्रतिरोध के बाद आतंकवाद धीरे-धीरे खत्म होना शुरू हो जाएगा। और 8-10 साल में आतंकवाद के प्रभाव से मुक्त प्रदेश बन जाने की संभावना है। विज की एक किताब ‘द कश्मीर कॉनड्रम: द क्वेस्ट फॉर पीस इन ए ट्रबल्ड लैंड’ आई है, जिसमें उन्होंने एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करने की कोशिश की है। इसमें जम्मू कश्मीर और वहां के लोगों के इतिहास के साथ विशेष दर्जा वापस लिए जाने तक की कहानी है।
कश्मीर में आतंकवाद को करारा झटका पूर्व थल सेना प्रमुख ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि पांच और छह अगस्त 2019 के महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने कश्मीर में आतंकवाद को करारा झटका दिया। ‘हार्पर कॉलिंस इंडिया’ द्वारा प्रकाशित किताब में विज ने कहा है, ‘एक आक्रामक स्थिति से पाकिस्तान और अलगाववादी अपने लिए लड़ने और बचाव करने तक सीमित हो गए हैं। साथ ही अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने से कश्मीरियों के लिए नयी दुविधा पैदा हो गई है। उन्होंने अपना विशेष दर्जा खो दिया है। इसने उन्हें हमेशा खुद को शेष भारत से अलग समझने के लिए प्रेरित किया था। अब, उन्हें डर है कि वे अपने ही गृह राज्य में अल्पसंख्यक हो जाएंगे।’
‘भारत ने पाकिस्तान को एक हताश स्थिति में पहुंचा दिया’विज ने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान को एक हताश स्थिति में पहुंचा दिया है और यह स्पष्ट हो गया है कि देश किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह राजनयिक, आर्थिक या सैन्य क्षेत्र हो भारत से उसका कोई मुकाबला नहीं है। विज ने कहा, ‘पाकिस्तान पर कश्मीरियों की निर्भरता शायद एक बड़ी गलती थी, जिसके लिए उन्होंने कीमत चुकाई है। वास्तव में, पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र होने की उनकी इच्छा एक खोई हुई उम्मीद बन गई है।’ विज के अनुसार, इन सभी कारकों को एक साथ रखने से निश्चित रूप से कश्मीरियों को अपने दृष्टिकोण और भविष्य के लक्ष्य के बारे में गंभीरतापूर्वक पुनर्विचार करना होगा।
केंद्र सरकार ने संसद में बतायाकेंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि अगस्त 2019 के बाद जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और आतंकवादी घटनाओं के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ के मामलों में भी काफी कमी आई है।केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने आतंकवादियों के विरुद्ध सक्रिय ऑपरेशनों सहित एक मजबूत सुरक्षा एवं आसूचना ग्रिड स्थापित किया है। अतः जम्मू एवं कश्मीर में अगस्त 2019 से सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है तथा आतंकवादी घटनाओं में और सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ में कमी आई है।’
राज्य का दर्जा उपयुक्त समय में दिया जाएगा- केंद्र सरकारइसके जवाब में राय ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा उपयुक्त समय पर दिया जाएगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव निर्धारित करने का फैसला लेना भारत के निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है। उल्लेखनीय है कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स