भाजपा की अडंगेबाजी के बावजूद धान खरीदी प्रगति पर – कांग्रेस
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के तमाम दुष्प्रचार और केंद्र की भाजपा सरकार के असहयोग और अडंगेबाजी के बावजूद छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रगति पर है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश भर के 2463 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी चालू है अभी तक लगभग 146000 किसानों ने अपना धान बेच दिया है तथा आज तक लगभग 397000 मीट्रिक टन धान की खरीदी भी हो चुकी है। प्रदेश के किसी भी धान खरीदी केंद्र में बारदाने की कमी नहीं है तथा किसानों को शीघ्र भुगतान की भी व्यवस्था की गयी है। इस वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर धान उपार्जन केंद्रों से धान परिवहन के डी.ओ. भी कटने शुरू हो गये है ताकि खरीदी केंद्रों पर धान जाम होने की स्थिति न बन पाये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धान खरीदी के मामले में केवल झूठी बयानबाजी कर भ्रम फैलाने का काम कर रही तथा छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता अपनी केंद्र सरकार से बोलकर छत्तीसगढ़ की धान खरीदी में बाधा पहुंचाने का काम भी कर रहे है। आखिर क्या कारण है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से उसना चावल नहीं ले रही है। जबकि राज्य में पैदा होने वाले कुल धान का 45 प्रतिशत उसना किस्म का है। भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बारदाना देने में भी असहयोग कर रही है। राज्य को धान खरीदी के लिये 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। इस वर्ष केंद्र ने 2.14 लाख गठान बारदानों की स्वीकृति दी है जिसका एडवांस पैसा जमा करने के बाद भी छत्तीसगढ़ को अभी मात्र 86856 गठान बारदाने ही दिये गये है। भाजपा नेता उसना और बारदाना मामले में केंद्र से राज्य के हितों पर बात नहीं कर रहे। भाजपा नेताओं के बयानबाजी से स्पष्ट हो रहा कि केंद्र की साजिश में छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता भी शामिल है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस वर्ष भी किसानों को न्यूनतम 2500 रू. धान की कीमत दे रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान की फसल के लिये 9000 रू. इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ दी जा रही है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होगी, अर्थात प्रति क्विंटल 600 रू. राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिल रहा। धान खरीदी का मूल्य 1940+600=2540 मोटा तथा 1960+600=2560 रू. पतला धान की कीमत भूपेश सरकार दे रही जो कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के वायदे से भी ज्यादा है तथा पूरे देश में धान की सर्वाधिक कीमत है।