आइएस के वीडियो में दिखे उइगर आतंकी, चीन में खून की नदी बहाने की दी धमकी
बीजिंग/मोसुल : खूंखार आतंकी संगठन आइएस ने एक वीडियो जारी कर पहली बार चीन में खून की नदियां बहाने की धमकी दी है. वीडियो में चीन के अल्पसंख्यक उइगर समुदाय के उग्रवादियों को दिखाया गया है. वीडियो में उइगर के लड़ाके कहते दिख रहे हैं, ‘ओ चीनियों तुम्हें लोगों का कहा समझ में नहीं आता. हम खलीफा के लड़ाके हैं और हम तुम्हारे पास आयेंगे और तुम्हें अपने हथियारों की भाषा से समझायेंगे. हम खून की नदियां बहा देंगे और जिन पर अत्याचार हुआ है उनका बदला लेंगे. इस वीडियो का अध्ययन अमेरिका स्थित एसआइटीइ इंटेलिजेंस ग्रुप ने किया है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि उन्होंने वीडियो नहीं देखा है, लेकिन उन्होंने शिनजिंयाग के उग्रवादियों की ओर इशारा करते हुए माना कि ईस्ट तुर्किस्तान आतंकी ताकतें चीन की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे के रूप में उभरी हैं. उन्होंने इस तरह की आतंकी ताकतों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया है. चीन उइगर उग्रवादियों पर पश्चिमी शिनजिंयाग क्षेत्र में हिंसक हमले का आरोप लगाता रहा है. शिनजिंयाग प्रांत उइगर समुदाय की जन्मभूमि है. चीन आशंका जताता रहा है कि उइगर उग्रवादियों के तार वैश्विक जिहादी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं. वहीं, उइगर समुदाय आरोप लगाता रहा है कि चीन उनके साथ भेदभाव करता है.
सेना ने पलमायरा शहर से आतंकवादियों को खदेड़ा
मोसुल से भाग जाओ या खुद को उड़ा लो
आइएस के सरगना अबु बकर अल बगदादी ने इराक में हार मान ली है. इराक के मोसुल शहर में इराकी, कुर्द और अमेरिकी सैनिकों की गंठबंधन सेना से चारों ओर से घिर चुका बगदादी पूरी तरह हताश हो चुका है. इराक न्यूज के अनुसार, बगदादी ने अपने लड़ाकों से कहा है कि वो या तो इराक से भाग जायें या खुद को उड़ा लें. बगदादी ने अपने लड़ाकों को दिये एक भाषण में कहा है कि भाग कर इराक और सीरिया के पहाड़ी इलाकों में छिप जाओ या इराकी सेना से बुरी तरह घिर चुके लड़ाके खुद को उड़ा ले. इराकी सेना ने 19 फरवरी को मोसुल में घुसी थी.
अलेप्पो संघर्ष में शामिल थे सभी पक्ष, भारी क्षति
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में पिछले वर्ष अलेप्पो में संघर्ष के दौरान आम नागरिक युद्ध अपराध के शिकार हुए थे. इसमें सभी पक्ष शामिल थे. इस रिपोर्ट में सीरिया में संघर्ष के दौरान सभी पक्षों द्वारा अपनायी गयी क्रूर रणनीति के प्रमाण प्रस्तुत किये गये हैं. ये पक्ष जुलाई और दिसंबर 2016 के बीच शहर के लिए निर्णायक लड़ाई में शामिल थे, जिसके फलस्वरूप सीरियाई पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को असहनीय पीड़ा उठानी पड़ी. रिपोर्ट में शामिल हिंसा की खबरों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान आकर्षित हुआ है.