चीन की हर हरकत पर भारत की पैनी नजर, LAC पर कम्युनिकेशन नेटवर्क सुधारने की कवायद तेज
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने चीन बॉर्डर इलाकों पर कम्युनिकेशन नेटवर्क सुधारने का काम तेज किया है। ईस्टर्न लद्दाख के डेमचॉक इलाके में कुछ दिन पहले की नए कम्युनिकेशन टावर की शुरूआत की गई। इसके अलावा पूरे लद्दाख में 35 नए कम्युनिकेशन टावर लगाने का काम चल रहा है। कम्युनिकेशन नेटवर्क सुधरने से बॉर्डर इलाकों पर रह रहे लोगों को तो फायदा होगा ही साथ ही इससे सेना को भी मदद मिलेगी। इन कम्युनिकेशन टावर्स को सेना की मदद से लगाया जा रहा है और इनकी सुरक्षा और देखभाल भी सेना के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन करेगा। अरुणाचल प्रदेश में भी बॉर्डर में नेटवर्क सुधारने का काम किया जा रहा है।
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक बॉर्डर के पास के गांव के लोग सुविधाओं के अभाव में माइग्रेट कर जाते हैं। जबकि बॉर्डर के पास आबादी का रहना सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है। भारतीय सेना की तरफ से कई बार केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव भेजा गया कि बॉर्डर के पास कम्युनिकेशन नेटवर्क सुधारने के लिए टावर लगाए जाएं, अब इस पर तेजी से काम हो रहा है। बॉर्डर के जिन इलाकों में भारतीय नेटवर्क नहीं था वहां अक्सर चीन के नेटवर्क का सिग्नल पकड़ लेता था। अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर के पास मॉडल विलेज बनाने का भी काम चल रहा है। यह पायलट प्रोजेक्ट है और शुरू में तीन मॉडल विलेज बनाए जा रहे हैं। बाद में इसका विस्तार किया जाएगा।
मॉडल विलेज में बच्चों की पढ़ाई से लेकर बेहतर मेडिकल फैसिलिटी और नेटवर्क कनेक्टिविटी पर भी फोकस रहेगा। नेटवर्क कनेक्टिविटी होने से टेली मेडिसिन की भी मदद ली जा सकेगी। इसके अलावा यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए भी कई काम किए जाएंगे साथ ही टूरिज्म बढ़ाने की भी कोशिश होगी। यहां 1962 युद्ध के वक्त के भारतीय सेना के बंकरों तक जाने के लिए ट्रैक भी बनाए जाएंगे जिससे टूरिजम एक्टिविटी बढ़ेगी। बॉर्डर एरिया से लोगों का माइग्रेशन रोकने के साथ ही टूरिजम एक्टिविटी बढ़ाने से स्थानीय लोगों को तो मदद मिलेगी ही साथ ही भारतीय सेना के लिए भी खुशहाल गांव मददगार होंगे।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स