सुप्रीम कोर्ट में बोली कर्नाटक सरकार- रोहिंग्या को डिपोर्ट करने का नहीं है कोई प्लान
कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि राज्य में जो भी रोहिंग्या रिफ्यूजी हैं उन्हें तुरंत डिपोर्ट करने का कोई प्लान नहीं है। राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता व बीेेजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की अर्जी पर जवाब दाखिल करते हुए ये बातें कही है। याचिकार्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि अवैध रोहिग्या और बंग्लादेशी घुसपैठियों को तुरंत उनके देश डिपोर्ट किया जाए और इसके लिए निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की अर्जी पर कर्नाटक सरकार ने अपने जवाब दाखिल किए हैं। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर के कि वह अवैध रोहिग्या और बंग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करे और उन्हें डिपोर्ट करे।
‘घुसपैठियों के हैं अवैध राशन कार्ड और पैन व आधार कार्ड’
इसके साथ ही याचिका में कहा कि सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह कानून में बदलाव करे और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ संज्ञेय अपराध और गैर समानती अपराध में केस का प्रावधान करे क्योंकि उन्होंने अवैध राशन कार्ड और पैन व आधार कार्ड बनवा रखे हैं।
कर्नाटक सरकार ने क्या दिया जवाब?
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2021 में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को इस मामले में नोटिस जारी किया था। कर्नाटक सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि 72 रोहिंग्या की पहचान सुनिश्चित की गई है और वह अलग-अलग जगह काम कर रहे हैं। बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है और उन्हें तुरंत डिपोर्ट करने का कोई प्लान भी नहीं है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स