केंद्र सरकार से वोटर कितना नाराज? सर्वे में खुलासा, बघेल बेस्ट परफॉर्मिंग सीएम
आप केंद्र सरकार से कितना गुस्सा हैं? आप अपने विधायक से कितना नाराज हैं? अपने सांसद से आप कितना खफा हैं? आप राज्य सरकार से कितना नाखुश हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब का में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है। यह दिखाता है कि शासन के मुद्दों पर केंद्र और राज्यों के खिलाफ मतदाताओं का गुस्सा बढ़ रहा है।
सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि केंद्र और राज्यों के काम पर ध्यान दिया जा रहा है। जहां तक पिछले डेढ़ साल के कोविड महामारी के दौरान गुस्से का सवाल है तो स्थानीय प्रशासन यानी लोकल गवर्नेंस की इसमें कोई गिनती नहीं है।
आईएएनएस-सीवोटर गवर्नेंस इंडेक्स में सामने आया है कि केंद्र और राज्यों के खिलाफ गुस्सा स्थानीय स्तर से कहीं ज्यादा है। ट्रैकर के अनुसार, केंद्र सरकार के खिलाफ सबसे कम गुस्सा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में है।
वहीं, केंद्र के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, केरल और पंजाब राज्यों में है। इसके अलावा अगर राज्य सरकार के खिलाफ गुस्से की लहर पर गौर किया जाए तो केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु राज्यों में राज्य सरकार के खिलाफ सबसे कम गुस्सा देखा जा रहा है।
इन सभी राज्यों के नागरिकों ने हाल ही में नई सरकारें चुनी हैं। राज्य सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में है। अखिल भारतीय स्तर पर स्थानीय शासन के खिलाफ गुस्सा सिर्फ 14.3 फीसदी है, जबकि राज्यों के खिलाफ 44.3 फीसदी और केंद्र के खिलाफ 41.3 फीसदी है।
आईएएनएस-सीवोटर गवर्नेंस इंडेक्स के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री हैं। वो मतदाताओं के कम से कम गुस्से का सामना कर रहे हैं। बघेल से केवल 6 फीसदी उत्तरदाता नाराज हैं, जो बदलाव चाहते हैं। इसके विपरीत, उन्हें ट्रैकर के अनुसार सभी मुख्यमंत्रियों के बीच सर्वोच्च लोकप्रियता रेटिंग प्राप्त हुई है।
छत्तीसगढ़ के मामले में अधिक गुस्सा केंद्र सरकार और यहां तक कि राज्य के विधायकों के खिलाफ है, लेकिन बघेल के खिलाफ लोगों का गुस्सा काफी कम देखा गया है। छत्तीसगढ़ में 44.7 फीसदी उत्तरदाता केंद्र सरकार से नाराज हैं, जबकि 36.6 फीसदी राज्य सरकार से नाराज हैं।
सीवोटर ट्रैकर भारत का एकमात्र दैनिक ओपिनियन ट्रैकिंग एक्सरसाइज है, जो एक कैलेंडर वर्ष में रैंडमली चुने गए 100,000 से अधिक उत्तरदाताओं की मैपिंग करता है। ट्रैकर 11 भारतीय भाषाओं में चलाया जाता है, जिसने पिछले दस वर्षों में व्यक्तिगत रूप से और सीएटीआई में 10 लाख से अधिक उत्तरदाताओं का साक्षात्कार लिया है। सीएम पर क्वार्टर्ली रिपोर्ट कार्ड सभी 543 लोकसभा सीटों में 30,000 से अधिक उत्तरदाताओं को कवर करता है। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्लस/माइनस 3 फीसदी और राज्य स्तर पर प्लस/माइनस 5 फीसदी का एमओई है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स