उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला बसपा से: शाह
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की पहले दो चरणों की 140 सीटों में से 90 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा जताते हुए रविवार को यहां कहा कि इन दो चरणों में भाजपा का मुकाबला बसपा से रहा। शाह ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘जहां तक पहले चरण में मतदाताओं के रूझान की बात है तो भाजपा 50 से अधिक सीटें जीत रही है। पहले दो चरणों में भाजपा को 90 से अधिक सीटें मिलने वाली हैं। इन दो चरणों में मुख्य मुकाबला बसपा से रहा जबकि आगे के चरणों में मुकाबला सपा से रहने वाला है।’
उन्होंने दावा किया कि पार्टी के संकल्पपत्र में घोषित मुद्दे मसलन लघु और सीमांत किसानों की फसली ऋण माफी शून्य ब्याज पर कर्ज एन्टी रोमियो दल का गठन और महिलाओं नौजवानो और आम जन से जुड़े तमाम घोषणाएं जनता को पसन्द आई हैं। सपा कांग्रेस गठबंधन को ‘अपवित्र’ करार देते हुए शाह ने कहा कि यदि सपा को लोहिया के विचारों का ख्याल रहता तो वह कांग्रेस से समझौता नहीं करती।
शाह ने कहा, ‘यह उन लोगों का गठबंधन है जिन्होंने भ्रष्ट सरकारें चलाई। इस सरकार में यूपी बेहाल रहा और दंगों, बलात्कारों और हत्याओं की घटनाओं में बेतहाशा बढोत्तरी हुई है। जाति और मजहब के नाम पर तुष्टीकरण के कारण लोगों को पीड़ा हुई और विकास के मामले में सपा सरकार बुरी तरह विफल साबित हुई है।’ उन्होंने कहा कि सपा कांग्रेस गठबंधन दोनों की गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश है। मगर चुनाव में उसकी पोल खुलने वाली है।
शाह ने कहा कि अखिलेश यादव ने 403 में से 105 सीटे अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को न देकर कांग्रेस को सौंप दी है और इस तरह अपनी हार पहले ही मान ली है। मुख्यमंत्री अखिलेश के इस तंज पर की यूपी में तो ‘अच्छे दिन’ नहीं आए, शाह ने कहा, ‘यह कहकर अखिलेश ने स्वीकार कर लिया है कि उनकी सरकार विफल रही है। पांच साल राज्य करने के बाद यह पूछना कि अच्छे दिन कब आयेंगे, अपनी विफलता स्वीकार करना है।’ यह कहते हुए कि अखिलेश सरकार ने केन्द्र सरकार का सहयोग नहीं किया, शाह ने कहा, ‘11 मार्च को भाजपा की सरकार बनने के बाद अच्छे दिन आ जायेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को हर साल एक लाख करोड रुपये अधिक दिये। मगर उसका उपयोग नहीं हुआ और केन्द्र सरकार की योजनाओं को ठीक से लागू नहीं किया गया।’ बसपा के बारे में उनकी राय पूछने पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के मामले में सपा-बसपा एक दूसरे का बचाव करते हैं। अखिलेश ने बसपा के उन नेताओं के खिलाफ क्या जांच करवाई, जिनके बारे में वह स्वयं भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे थे।’ मुस्लिम धर्मगुरुओं और संगठनों की तरफ से विभिन्न दलों को घोषित किये जा रहे समर्थन पर शाह ने कहा, ‘इसकी वजह से भाजपा को कोई परेशानी नहीं है, बल्कि यह भाजपा विरोधी दलों की हताशा है।’
प्रतिपक्षी दलों के इस आरोप पर कि भाजपा ध्रुवीकरण कराने की कोशिश कर रही है, शाह ने सवाल करते हुए कहा, ‘हमने ध्रुवीकरण के लिए क्या किया है, यह आरोप वे लगा रहे है जो चुनाव में हार से डरे हुए हैं।’