टिकैत बोले- पूरे देश में कल 'रेल रोको आंदोलन', रेलवे ने तैनात की स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को बताया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को देशभर में ट्रेनों के पहिए रोके जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में ‘रेल रोको आंदोलन’ होगा। खास बात यह है कि पिछली बार हुए देशव्यापी ‘चक्का जाम’ से जिस तरह दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को बाहर रखा गया था, इस बार ‘रेल रोको’ में किसी राज्य को छूट नहीं दी जाएगी। इसे देखते हुए रेलवे ने भी रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्से की 20 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की है।
टिकैत बोले- सरकार के फैसले से आम लोग परेशान
राकेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार पिछले 8 महीने से तमाम ट्रेनों को चलने की इजाजत ही नहीं दे रही है जबकि कई तरह की दूसरी बंदिशों को उसने हटा दिया है। इससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। उन्होने कहा कि गुरुवार को होने वाले ‘रेल रोको आंदोलन’ में गांवों के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले हफ्ते ‘रेल रोको आंदोलन’ करने का ऐलान किया था।
रेलवे ने की तैयारी, आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात
किसानों के ऐलान के मद्देनजर रेलवे ने भी खास तैयारियां की है। देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 20 हजार जवान तैनात किए गए हैं। मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर रखा गया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा न करें। हम चाहते हैं कि वे 4 घंटे शांति से बीत जाएं।’
‘चक्का जाम’ की तरह इस बार कुछ राज्यों को नहीं रहेगी छूट
किसान संगठनों का कहना है कि उन्हें ‘रेल रोको आंदोलन’ के लिए मजबूर होना पड़ा है जिसका मकसद सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है। पंजाब के कीर्ति किसान यूनियन के प्रेस सचिव जितेंदर सिंह शीना ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ‘हम सभी रेलवे लाइनें ब्लॉक करेंगे, दिल्ली आने वाली भी।’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो। शीना ने कहा कि ‘रेल रोको आंदोलन’ का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है।
साभार : नवभारत टाइम्स