… तो क्या चमोली की उस सुरंग में 4 दिन तक जिंदा थे कुछ लोग? जानें आखिर क्या है सच्चाई
उत्तराखंड के चमोली जनपद में 7 फरवरी को आई जलप्रलय में सैकड़ो लोगों की जान चली गई। कुछ के शव बरामद हो गये वहीं राहत और बचाव टीम अभी भी जिंदगी की आस में तलाश जारी रखे हुए है। वहीं आपदा के दिन से अब तक परिजन आस में सुरंग के बाहर खड़े थे कि किसी तरह सुरंग में फंसे हुए व्यक्ति बाहर आ जाएं, लेकिन नियति को यह मंजूर न था। इसी बीच शवों के पोस्टमॉर्टम से जुड़ी एक फेक न्यूज का उत्तराखंड पुलिस की तरफ से खंडन किया गया है।
दरअसल इसी क्रम में एक झूठी खबर फैल गई जिसमें यह बताया गया कि शवों के पोस्टमार्टम में यह स्पष्ट हुआ है कि सुरंग में दबे हुए व्यक्ति मलबे में दबने के बाद भी 5 से 7 दिन तक जीवित थे। इस संदेश के बाद डीआईजी रेंज नीरू गर्ग ने खण्डन जारी करने के आदेश जारी किए जिसके बाद चमोली पुलिस ने इस खबर का खंडन जारी किया और बताया कि यह खबर झूठी है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से किया गया खंडन
डीआईजी गढ़वाल से जब एनबीटी ऑनलाइन ने बात की तो नीरू गर्ग ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर एक झूठी खबर फैला दी गई थी। मामला संज्ञान में आते ही खबर का खंडन जारी करने के आदेश दिए है। डीआईजी नीरू गर्ग ने यह भी बताया कि सीएमओ चमोली डॉ राणा ने बताया है की उनके द्वारा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अवलोकन किया गया है जिसमे यह स्पष्ट हुआ है कि मृत्यु का कारण पेट और फेफड़ो में अत्यधिक पानी और मलबा का होना है और डॉ राणा का यह भी कहना है कि ऐसी स्थिति में मृत्यु आधे घण्टे में होनी तय है।
साभार : नवभारत टाइम्स