18 को कश्मीर और 19 फरवरी को जम्मू का दौरा कर सकते हैं विदेशी राजनयिक
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 () हटने के डेढ़ साल बाद केंद्र सरकार एक बार फिर विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधमंडल का दौरा () कराने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, विदेशी राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल 18 फरवरी को कश्मीर और 19 फरवरी को जम्मू का दौरा कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, इस बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में खाड़ी और यूरोपीय देशों के राजनयिक शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरे में विदेशी राजनियक हाल ही में निर्वाचित हुए डिस्ट्रिक्ट डिवेलपमेंट काउंसिल (DDC) के कुछ प्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके जरिए सरकार डीडीसी चुनावों में हुई बंपर वोटिंग को जमीनी लोकतंत्र में स्थानीय लोगों के भरोसे और बाहरी ताकतों को नकारने के तौर दिखाने की कोशिश करेगी।
राजनयिकों को सुरक्षा हालात की जानकारी देंगे
जम्मू-कश्मीर जाने वाले राजनयिकों को सुरक्षा एजेंसियां राज्य में सुरक्षा हालात की जानकारी भी देंगी। इसके अलावा सीमापार से आतंकवाद के बारे में भी राजनयिकों को बताया जा सकता है। सभी राजनयिक कश्मीर में 18 फरवरी तो जम्मू में 19 फरवरी को दौरा करेंगे।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह तीसरा प्रतिनिधिमंडल
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से घाटी के दौरे पर जाने वाला यह तीसरा प्रतिनिधिमंडल होगा। इससे पहले अक्टूबर 2019 में यूरोपियन संसद के 27 सदस्यों का एक डेलिगेशन एक निजी थिंक टैंक के बुलावे पर कश्मीर गया था, 2020 की शुरुआत में भी विदेशी राजनयिकों का डेलिगेशन राज्य के दौरे पर गया था।
इंटरनेट सेवाएं शुरू होने पर अमेरिका ने किया था स्वागत
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 18 महीने बाद हाल ही में राज्य में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू हुई हैं। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वह राज्य में हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहा है।
साभार : नवभारत टाइम्स