सुरंग से निकल रहीं अब बस लाशें, कुदरत ने उत्तराखंड को कैसा जख्म दिया
उत्तराखंड में पिछले रविवार को आई बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुल 12 शव बरामद किए गए हैं। तपोवन सुरंग में रेस्क्यू अभी भी जारी है जहां से आज 5 शव बरामद हुए हैं। वहीं लापता लोगों की तलाश के लिए आईटीबीपी सर्च ऑपरेशन कर रही है।
520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक हफ्ते से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के डेप्युटी कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि बचाव अभियान जारी है।
सुरंग में मलबा और गाद हटाने का काम जारी
टनल में मलबा और गाद साफ करने का काम चल रहा है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि इनमें से दो शवों की पहचान हो गई है। एक की पहचान टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह और दूसरे की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है।
आपातकाल की स्थिति के लिए हेलिकॉप्टर तैयार
डीएम ने बताया कि मौके पर एक हेलिकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिवादन बल के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, रैणी गांव से भी रविवार को एक शव बरामद हुआ जिसकी पहचान अभी नहीं हुई है। शवों से मिले आभूषण, टैटू और दूसरे पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है।
अब तक 50 शव बरामद
सात फरवरी को चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 162 अन्य अभी भी लापता हैं। इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं । बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी।
समाचार एजेंसी भाषा के मिले इनपुट के साथ
साभार : नवभारत टाइम्स