वोडाफोन, आइडिया विलय के लिए कर रही हैं बातचीत
नई दिल्ली। ब्रिटेन के वोडाफोन समूह ने आज इस बात की पुष्टि की कि उसकी भारतीय इकाई की आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर के साथ विलय को लेकर बातचीत कर रही है। यह पूर्ण शेयर सौदा होगा। इससे देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी सृजित होगी जिसके पास 43 प्रतिशत आय बाजार हिस्सेदारी होगी।
यह संयुक्त इकाई रिलायंस जियो से मिल रही चुनौती का मुकाबला कर सकेगी और मौजूदा बाजार की दिग्गज कंपनी को कड़ी टक्कर दे सकेगी।
हालांकि उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार विलय के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा नियामकीय मंजूरी और व्यवहारिक क्रियान्वयन चुनौतियों के रूप में आएगी।
यदि यह सौदा हो जाता है तो विलय के बाद बनी कंपनी मोबाइल दूरसंचार क्षेत्र में एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की सबसे बड़ी इकाई होगी। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल नेटवर्क परिचालक वोडाफोन समूह के भारतीय कारोबार का देश की तीसरी सबसे बडत्र्ी सेल्युलर ऑपरेटर से विलय के बाद एक ऐसी कंपनी अस्तित्व में आएगी जिसके ग्राहकों की संख्या 39.5 करोड़ होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक में शुमार होगी।
ब्रिटेन की कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘वोडाफोन यह पुष्टि करती है कि वह आदित्य बिड़ला समूह के साथ विलय के बारे में बातचीत कर रही है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया के बीच पूरी तरह शेयरों पर आधारित विलय की बात है। (इसमें वोडोफोन की इंडस टावर्स की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी को अलग रखा गया है जो भारती और आइडिया के साथ संयुक्त उद्यम है)’’
बयान के मुताबिक जो भी विलय होगा उसमें वोडाफोन को आइडिया में नए शेयर जारी किए जाएंगे और इससे वोडाफोन इंडिया का विघटन होगा। कंपनी ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि इस सौदे पर सहमति बनेगी, न तो सौदे के समय के बारे में कुछ बताया जा सकता है।
भारत में 2007 में प्रवेश के साथ वोडाफोन देश की दूसरे नंबर की दूरसंचार कंपनी बन गई है। हालांकि, उसे कर संबंधी उलझनों का भी सामना करना पड़ रहा है। हचिसन से भारत में उसके मोबाइल कारोबार के 2007 के अधिग्रहण के सौदे को लेकर कर विभाग की पिछली तारीख से दो अरब डॉलर से अधिक की मांग को लेकर सरकार के साथ वोडाफोन का विवाद चल रहा है।
वोडाफोन ने पिछले साल आखिर अपने कारोबार का मूल्य अरबों पाउंड घटाया है। ब्रिटेन की कंपनी भारतीय इकाई में अब तक सात अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुकी है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने कहा, ‘‘…विलय से बनने वाली संयुक्त इकाई के समक्ष व्यवहारिक क्रियान्वयन के मुद्दे होंगे…।’’
देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो इन्फोकॉम मार्च तक मुफ्त वायस और डेटा सुविधा दे रही है। अभी तक जियो के ग्राहकों की संख्या 7.4 करोड़ हो चुकी है। वह अभी तक 25 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। और उसने 4.8 अरब डॉलर या 30,000 करोड़ रुपए का और निवेश करने की घोषणा की है।
आइडिया में आदित्य बिड़ला समूह की 42.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं मलेशिया के एक्जाइटा ग्रुप बीएचडी के पास उसकी 19.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वोडाफोन इंडिया ब्रिटेन के वोडाफोन समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है।
इस बीच, सीएलएसए की एक रपट के अनुसार वोडाफोन-आइडिया को मिलाकर बनने वाली नई कंपनी के पास 2018-19 तक मोबाइल बाजार की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी ओर यह पहले नंबर पर होगी। दूसरे नंबर में भारती एयरटेल के पास 33 प्रतिशत और रिलायंस जियो की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी
अभी देश में एयरटेल 26.34 करोड़ ग्राहकों के सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता है वहीं वोडाफोन इंडिया 20.02 करोड़ ग्राहकों के साथ दूसरी और आइडिया सेल्युलर 18.77 करोड़ ग्राहकों के साथ तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।