आंखों में धूल झोंक रहा पाक, 10-10 साल की सजा का ड्रामा कर हाफिज सईद को जेल से निकाला!
आतंक पर कार्रवाई के नाम पर दुनिया की आंखों में अक्सर धूल झोंकने वाले पाकिस्तान का असली चेहरा भी जब-तब सामने आ जाता है। एक तरफ तो एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट में जाने से बचने के लिए वह अपने ‘आतंक के खेल’ पर लगाम लगाने का ढोंग करता है, दूसरी तरफ मुंबई हमले के गुनहगार आतंकी हाफिज सईद को चुपके से जेल से बाहर कर देता है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा (अब जमात-उद-दावा) सरगना हाफिज सईद जेल से बाहर अपने घर में ऐश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ घोषित आतंकी लाहौर के अपने जोहर टाउन हाउस में रह रहा है, जहां से वह अपने आतंकी संगठन को चलाता है।
हाफिज सईद को जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इस साल फरवरी में टेरर फंडिंग के जुर्म में उसे 10 साल 6 महीने कैद की सजा हुई थी। इसके अलावा इसी महीने 19 नवंबर को पाकिस्तान की एक ऐंटी-टेरर कोर्ट ने मुंबई हमलों के इस मास्टमाइंड को 2 और मामलों में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अब पाकिस्तान ने जिस तरह चुपके से उसे जेल से बाहर निकाल दिया है, यह एक बार फिर उसके असल चेहरे को दिखाता है। जुलाई 2019 में हाफिज की गिरफ्तारी भी महज एक पैंतरेबाजी थी ताकि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट में जाने से रोका जाए।
हिंदुस्तान टाइम्स ने भारतीय खुफिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया है कि हाफिज सईद लाहौर के अति-सुरक्षा वाले कोट लखपत जेल में नहीं है, जैसा कि पाकिस्तान की तरफ से प्रचारित किया जाता है। एक इंटेलिजेंस अधिकारी ने बताया कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड अपने घर पर है। प्रोटेक्टिव कस्टडी का सिर्फ दिखावा है क्योंकि वह मेहमानों से मिलता रहता है। पिछले महीने ही लश्कर के जिहाद विंग का सरगना जकी-उर-रहमान लखवी ने हाफिज सईद से उसके घर पर मुलाकात की थी। लखवी भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से घोषित आतंकी है।
पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा के आतंकियों के खिलाफ कुल 41 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 24 मामलों में फैसला आ चुका है और बाकी मामले अभी भी लंबित हैं। अब तक 4 मामलों में सईद के खिलाफ फैसला आया है। जमात उद दावा 2008 के 26/11 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा को संचालित करनेवाला प्रमुख आतंकी संगठन है। मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। दिसंबर 2008 में उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत भी आतंकवादी घोषित किया गया था।
साभार : नवभारत टाइम्स