ट्रंप प्रशासन के बहाने भारत को चीन की चेतावनी, ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में भड़का ड्रैगन

ट्रंप प्रशासन के बहाने भारत को चीन की चेतावनी, ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में भड़का ड्रैगन
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पेइचिंग
अमेरिका में जो बाइडेन का राष्ट्रपति बनना तय हो चुका है और चीन में इसे लेकर गहमागहमी तेज है। इस बीच चीन के प्रॉपगैंडा अखबार ने बाइडेन के पहले के बयानों के आधार पर उम्मीद जताई है कि अमेरिका चीन के प्रति अपनी नीति में बदलाव कर सकता है। हालांकि, अखबार के संपादकीय में साथ ही यह भी कहा गया है कि इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों के बीच तनाव खत्म होने की उम्मीद बनी रहेगी। वहीं, अमेरिका के बहाने भारत को भी चेतावनी देने की कोशिश ग्लोबल टाइम्स ने की है।

अमेरिका को चीन ने किया अलग-थलग
संपादकीय में कहा गया है कि हाल के सालों में ट्रंप प्रशासन के साथ चली कूटनीति लड़ाई के नतीजों को चीन को समझना होगा और अपनी सोच और कूटनीति को बदलना होगा। संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि ट्रंप प्रशासन की नीति चीन को अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक सिस्टम से बाहर करने की थी।

अमेरिका का मानना था कि चीन विस्तार और वृद्धि कर रहा है। इसलिए वह दूसरों देशों को चीन के खिलाफ खड़ा कर रहा है। राजनीतिक तौर पर चीन को वैश्विक खतरा बताया गया और आर्थिक तौर पर उसके अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक चेन से अलग-थलग कर दिया गया। इसी तरह तकनीकी और सांस्कृतिक तौर पर भी चीन के खिलाफ कदम उठाने के आरोप लगाए गए।

‘अमेरिका की देखा-देखी कर रहा भारत’
संपादकीय में दावा किया गया है कि चीन ने इन कोशिशों का करारा जवाब दिया है और द्विपक्षीय संबंधों को टूटने से बचाया है। अमेरिका-चीन के बीच संबंध स्थिर होने से पड़ोसी देशों के साथ भी संबंध स्थिर किए जा सकते हैं। ऐसी विदेश नीति की मदद से चीन ने लंबे वक्त से स्थिरता कायम की है लेकिन ट्रंप प्रशासन की वजह से चीन को निशाना बनाया गया। संपादकीय में आरोप लगाया है कि अमेरिका ने चीन से जुड़े मुद्दों, जैसे- ताइवान, हॉन्ग-कॉन्ग और शिनजियांग को भड़काने का काम किया है। इसमें दावा किया गया है कि चीन की देखा-देखी ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने भी ऐसा ही किया है।

‘भारत ने की कोशिश तो मिलेगा कड़ा जवाब’
यही नहीं, इसमें चेतावनी दी गई है कि अमेरिका तो मजबूत है लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया या भारत ने अमेरिका की तरह चीन-विरोधी खेल खेलने की कोशिश की तो चीन बिना हिचक कड़ा जवाब देगा। इसमें कहा गया है कि अमेरिका के असर से पहले भी भारत और ऑस्ट्रेलिया ने ऐसे कदम उठाए हैं। संपादकीय में कहा गया है कि चीन-विरोधी रुख अपनाना इन देशों के हित में नहीं है क्योंकि चीन से उनकी ताकत कम है और इसलिए उन्हें अमेरिका के पीछे छिपना नहीं चाहिए।

भारत पर भड़का ड्रैगन
चीन के पड़ोसी देशों ने चीन-अमेरिका तनाव को बढ़ावा दिया है। कोरोना की महामारी के बाद भारत के अंदरूनी रणनीतिकारों ने सलाह दी थी कि भारत को चीन-अमेरिका तनाव का फायदा उठाना चाहिए। भारत ने क्वॉड की मिनिस्टीरियल बैठक का प्रस्ताव दिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया सप्लाई चेन लॉन्च की।

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