व्लादिमीर पुतिन को सता रहा जो बाइडेन का डर, चीन से दोस्‍ती बढ़ा रहा रूस

व्लादिमीर पुतिन को सता रहा जो बाइडेन का डर, चीन से दोस्‍ती बढ़ा रहा रूस
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वॉशिंगटन
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है और पूरी दुनिया की निगाहें यहां टिकी हैं। हालांकि, नतीजा जब भी आए, रूस ने पहले ही अमेरिका को छोड़ चीन से दोस्ती गहरी करना शुरू कर दिया है। बता दें कि अमेरिका के अब तक के चुनावी नतीजों में डेमोक्रैट कैंडिडेट जो बाइडेन आगे निकलते दिख रहे हैं।

चीन के साथ साझा हित
रॉयल होलोवे में जियोपॉलिटिक्स ऐंड सिक्यॉरिटी प्रफेसर क्लाउस डॉड्स का कहना है कि रूस ने जब 2013 में क्रीमिया का अधिग्रहण किया, अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगाकर आर्थिक रूप से उसे कमजोर करने की कोशिश की, खासकर ऊर्जा के सेक्टर में। रूस और चीन के बीच बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं लेकिन उनके कुछ साझा हित हैं। रूस को चीनी निवेश की जरूरत है ताकि वह आर्कटिक में तेल और गैस का खनन कर सके।

गहरा रहे हैं संबंध
रूस आधुनिकीकरण और सैन्य विस्तार पर पैसे खर्च कर रहा है क्योंकि आर्कटिक का मुद्दा गर्माने लगा है। यहां और ज्यादा दोहन के मौके भी खुल रहे हैं। क्लाउस का कहना है कि रूस जो कर रहा है उसके बहुत से कारण हैं और रूस-चीन के संबंध को ‘सुविधा के लिए की गई शादी’ कहा जा सकता है। दोनों में कोई प्यार नहीं है लेकिन साझा हितों की वजह से वे साथ हैं। के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग की बात को खारिज नहीं करता है।

तेल और गेस पर प्रतिस्पर्धा
प्रफेसर क्लाउस का मानना है कि दोनों देशों के बीच चीन और गैस भी अहम भूमिका निभाने वाले हैं। गौरतलब है कि 2008-2019 के बीच अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन 160% बढ़ गया और गैस का 70%। अमेरिका अब एनर्जी पावरहाउस बन गया है और वह सऊदी अरब से ज्यादा तेल और रूस से ज्यादा गैस का उत्पादन कर रहा है। उनका कहना है कि रूस को निवेश मिलेगा और चीन को गैस। रूस चीन को तेल और गैस के मार्केट के तौर पर देख रहा है।

अमेरिका है चुनौती, चीन से सहयोग
जो बाइडेन ने अपनी चुनावी कैंपेन में कहा था कि वह 2050 तक तेल ऊर्जा और फ्रैकिंग को देश में कम करेंगे। माना जा रहा है कि प्रतिबंध लगने से तेल और गैस का निर्यात मुश्किल होगा वह भी रूस के नए ग्लोबल सप्लायर के तौर पर उभरने के साथ। क्लाउस का कहना है कि पुतिन को तेल और गैस दोहन की जरूरत है, उनके सामने क्लाइमेट चेंज की समस्या है और चीन भी चुनौती है लेकिन वह इस वक्त अमेरिका के साथ चीन का दामन थामने का इरादा बना रहे हैं।

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