फ्रांस में हमला करने वाले आतंकी के भाई ने कहा- हम मुसलमान और आतंकवाद के खिलाफ
के नीस में चर्च पर चाकू से तीन लोगों की गला काटकर हत्या करने वाले आतंकवादी के परिवार ने इस हमले का वीडियो फुटेज दिखाए जाने की मांग की है। हमलावर इब्राहिम ईसाओई अफ्रीकी देश का रहने वाला है। हमलावर के भाई ने कहा कि हम मुसलमान हैं और आतंकवाद के खिलाफ हैं। मुझे यह दिखाया जाए कि मेरे भाई ने हमला किया है।
हमलावर की मां ने कहा- मुझे अपना बेटा चाहिए
आतंकवादी इब्राहिम ईसाओई के पैतृक शहर स्फैक्स में उसके परिवार ने इसे चौंकाने वाला बताया और शांति की अपील की। इब्राहिम की मां गामरा ने रोते हुए कहा कि हम सच जानना चाहते हैं कि कैसे मेरे बेटे ने इस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया? मैं यह देखना चाहती हूं कि निगरानी कैमरों में क्या दिखाई दे रहा है। मुझे अपना बेटा चाहिए, जीवित या मृत।
पिता और भाई बोले- आतंकवाद के खिलाफ
हमलावर इब्राहिम के पिता और भाई ने कहा कि अगर सच में इब्राहिम ने हमला किया है तो उसे न्याय का सामना करना चाहिए। उसके भाई विसेम ने कहा कि हम मुसलमान हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ हैं और हम गरीब हैं। मुझे यह दिखाया जाए कि मेरे भाई ने हमला किया है और उसे आतंकवादी की तरह सजा दीजिए।
हमले की जांच में जुटे तीन देश
फ्रांस, इटली और ट्यूनीशिया के अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि मुख्य संदिग्ध इब्राहिम ईसाओई का उद्देश्य क्या था और उसने इस हमले को अकेले अंजाम दिया अथवा यह कोई सोची-समझी साजिश थी। अधिकारियों ने चर्च पर हुए हमले को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया है क्योंकि इसे फ्रांस के एक अखबार द्वारा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित किए जाने के बाद उपजे तनाव से जोडकर देखा जा रहा है। इब्राहिम पिछले महीने इटली होते हुए फ्रांस पहुंचा था।
चर्च पर हुए हमले का तीसरा आरोपी गिरफ्तार
चर्च में तीन लोगों की हत्या के मामले में आरोपी हमलावर इब्राहिम पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुआ था और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। एक जांच अधिकारी ने शनिवार को बताया कि नीस में इब्राहिम से मुलाकात करने वाले 35 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, हमले से पहले वाली रात इब्राहिम से मिलने वाला 47 वर्षीय व्यक्ति पहले ही पुलिस की हिरासत में था। ऐसे में अब तक इस मामले में तीन आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। हालांकि, हमले से उनका संबंध स्पष्ट नहीं हो सका है। पूर्व में ट्यूनीशिया के एक चरमपंथी समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। ट्यूनीशिया एवं फ्रांस के अधिकारी इन दावों की जांच कर रहे हैं।