'चीन से दशकों पुराने सीमा संकट पर दृढ़ता-परिपक्वता से निपटा भारत'
भारत-चीन के बीच सीमा विवाद में इस साल सबसे तनावपूर्ण हालात देखने को मिले। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। साथ ही लगातार तनातनी देखने को मिली। लद्दाख के इलाके में अब ठंड भी बढ़नी शुरू हो गई है, लेकिन चीन की नापाक हरकतों पर नजर रखने के लिए भारतीय फौज ऊंचे सैन्य ठिकानों पर कब्जा बनाए हुए है। इस बीच भारत-चीन के सीमा संकट पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि भारत ने दशकों पुराने सीमा संकट से निपटने में पूरी परिपरक्ता और दृढ़ता दिखाई।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत कोरोना वायरस महामारी के बावजूद, चीन के साथ अपनी सीमा पर दशकों के ‘सबसे खराब संकट’ से पूरी दृढ़ता और परिपक्वता’ के साथ निपटा है। पेरिस के एक प्रमुख थिंक-टैंक में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में श्रृंगला ने फ्रांस में हाल में हुई दो आतंकी घटनाओं का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खतरे को दूर करने के लिए दृढ़ता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत और फ्रांस के सामने कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में एक समान गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरे हैं। आज की लड़ाई किसी खास समुदाय या व्यक्तियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि कट्टरपंथी राजनीतिक-धार्मिक विचारधारा के खिलाफ है। पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार के आतंकवाद का हवाला देते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत अपनी पश्चिमी सीमा पर लगातार कड़ी चौकसी बनाए हुए है। श्रृंगला फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के अपने तीन दिवसीय दौरे पर पेरिस पहुंचे।
विदेश सचिव ने कहा, ‘हमारी त्वरित चुनौतियों ने हमें सीमा संबंधी रणनीतिक लक्ष्यों से विचलित नहीं किया है, विशेषकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, जहां हम उद्देश्य के साथ खुले और समावेशी ढांचे के लिए विभिन्न चरणों में आगे बढ़ रहे हैं।’