डेनमार्क ने 'कट्टर इस्लाम' के खिलाफ छेड़ी जंग, विदेशों से मस्जिदों की फंडिंग पर लगाएगा रोक
ने देश में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ से निपटने के लिए मुहिम छेड़ दी है। इसे लेकर वहां की संसद में एक बिल भी पेश किया गया है, जिसमें मस्जिदों को विदेशों से मिलने वाली फंडिंग पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है। इस बिल में कहा गया है कि मस्जिदों को व्यक्तियों, संगठनों और संघों के पैसे को स्वीकार करने से रोका जाएगा जो लोकतांत्रिक मूल्यों, मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का विरोध या उन्हें कम करते हों।
धार्मिक अतिवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा डेनमार्क
डेनमार्क में सऊदी अरब के फंडिंग से वहाबी विचारधारा को फैलाने के आरोपों के बाद इस बिल में देशों को भी फंडिंग के लिए बैन किए जाने की तैयारी की जा रही है। डेनमार्क के एकीकरण मंत्री मैटियास टेसेफे ने फेसबुक पर लिखा कि हमने नकारात्मक सामाजिक नियंत्रण और धार्मिक अतिवाद के खिलाफ काम तेज करने का वादा किया था।
मस्जिद को सऊदी से फंडिंग का हुआ था खुलासा
डेनमार्क की राष्ट्रीय दैनिक बेरलिंग्के ने इस साल के शुरुआत में खुलासा किया था कि डेनमार्क में अपने दूतावास के माध्यम से सऊदी अरब ने कोपेनहेगन में तैयबा मस्जिद को लगभग 790,000 डॉलर की फंडिंग की थी। डेनमार्क में एक मस्जिद को सऊदी अरब की तरफ से आर्थिक रूप से मदद करने का यह पहला मामला है। इसी के बाद से देश में इस सवाल पर बहस छिड़ी हुई है कि डेनमार्क की मस्जिदें कहां से अपना धन प्राप्त करती हैं और कौन सी ताकतें उन्हें नियंत्रित करती हैं।
शरिया कानून को लेकर भी जारी है बवाल
इसी के बाद से दबाव में आई डेनमार्क की सरकार ने देश में संदिग्ध और अलोकतांत्रिक देशों, व्यक्तियों और संगठनों से आ रहे धन को रोकने के लिए कानून बनाने का ऐलान किया था। इस बिल का सरकार सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया है। कुछ दिनों पहले ही डेनमार्क में शरिया कानून को लेकर जमकर बवाल हुआ था। जिसके बाद सरकार को सफाई देनी पड़ी थी।
बिल पर विपक्ष भी सरकार के साथ
डेनमार्क के प्रसिद्ध नेता पिया कजर्सगार्ड ने भी सरकार और विपक्ष के बीच हुए समझौते का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जाहिर है, डेनमार्क के मूल्यों को कमजोर करने के लिए मध्य पूर्वी शासनों को डेनमार्क में मस्जिदों या कुरान स्कूलों में पैसा भेजने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसलिए हम इस उपाय का स्वागत करते हैं और लोकतंत्र पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए तत्पर हैं।
शरिया कानून के खिलाफ भी एक्शन में डेनमार्क
डेनमार्क ने शरिया का प्रचार-प्रसार करने वाले इमामों के खिलाफ भी कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। वहीं देश में इस्लामी गतिविधियों को बढ़ाने में ईरानी दूतावास का कनेक्शन सामने आने पर डेनमार्क के विदेश मंत्रालय ने राजदूत को तलब किया है। डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने डेनिश कानून में ईरानी हस्तक्षेप को अस्वीकार्य बताया है।
ईरानी राजदूत को किया तलब
उन्होंने कहा कि हमें शरिया तलाक के अनुबंधों में ईरानी दूतावास की भूमिका की जानकारी मिली है। इसी को लेकर हमने ईरानी राजदूत अफसानेह नादिपोर को तलब किया है। हम इस मुद्दे पर उनके स्पष्टीकरण की मांग करेंगे। ईरान के कथित संलिप्तता को लेकर डेनमार्क में राजनीति भी तेज हो गई है। वहां की विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिक्सेन की कड़ी निंदा की है।