ब्रिटिश कोर्ट से भगोड़े नीरव मोदी को राहत नहीं, सातवीं बार जमानत अर्जी खारिज
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत ने सोमवार को भगोड़े हीरा व्यापारी की जमानत याचिका सातवीं बार खारिज कर दी। ब्रिटेन में उसे पिछले साल भारत के प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर नए सबूतों के साथ अपनी जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन किया था। लेकिन, वह जज सैमुअल गूजी को प्रभावित करने में विफल रहा। वहीं, भारत की तरफ से इस मुकदमें की पक्षकार सीबीआई ने इसे अपनी जीत बताया है।
सीबीआई ने थपथपाई अपनी पीठ
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कहा कि कोर्ट द्वारा जमानत की अर्जी को बार-बार खारिज करना यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्रालय और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस सीबीआई के बीच शानदार तालमेल का नतीजा है। इस साल मार्च में नीरव मोदी की हाईकोर्ट में आखिरी जमानत पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति इयान डोवे ने कहा था कि प्रस्तुत उपायों से मेरे फरार होने के जोखिम की केंद्रीय चिंता का निवारण नहीं किया गया है।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का है मास्टरमाइंड
उल्लेखनीय है कि मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इसे लेकर भारत में विभिन्न जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इस मामले में मोदी के सहयोगी मेहुल चौकसी भी भारत में वांछित हैं। ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) के जरिए भारत इस वांछित अभियुक्त के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
लंदन में मार्च 2019 में हुआ था गिरफ्तार
पिछले साल मार्च में गिरफ्तार होने के बाद नीरव मोदी इस समय दक्षिण लंदन में स्थित वांड्सवर्थ जेल में बंद है। वह जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट की कार्यवाही से जुड़ा हुआ है। ब्रिटेन में भी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अदालतों की कार्यवाही विडियोलिंक के माध्यम से ही की जा रही हैं।