भारत को घेरने के लिए अब भूटान पर डोरे डाल रहा पाकिस्तान, इमरान खान ने किया फोन
भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान और चीन एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। नेपाल को भारत के विरोध में खड़ा करने के बाद ये दोनों देश अब भूटान पर डोरे डाल रहे हैं।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने गुरुवार को भूटान के प्रधानमंत्री को फोन किया। ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने भूटान के किसी नेता से बात की है। ऐसे में पाकिस्तान की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने जारी किया बयान
पाकिस्तानी विदेश विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस सहित पारस्परिक हित के कई मुद्दों पर बातचीत की। इमरान खान ने कोरोना वायरस के रोकधाम के लिए किए गए काम को लेकर भूटान के नेतृत्व की तारीफ भी की। विदेश विभाग ने कहा कि इस दौरान इमरान खान ने महामारी से उत्पन्न असंख्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपने संबंधित कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
कोरोना पर इमरान ने थपथपाई पीठ
इमरान खान ने बातचीत के दौरान पाकिस्तान में कोरोना के रोकधाम के उपायों पर अपनी पीठ भी थपथपाई। हालांकि, इस दौरान वे यह भूल गए कि पाकिस्तान में हाल के दिनों में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के कारण कई शहरों में लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गई है। उन्होंने भूटानी पीएम से कहा कि स्मार्ट लॉकडाउन की रणनीति और सरकार के उठाए गए कदमों से पाकिस्तान में कोरोना का असर रूका हुआ है।
भूटान से इमरान ने रोया पैसे का रोना
भूटानी पीएम से बातचीत के दौरान इमरान खान ने विकासशील देशों पर कोरोना की मार के कारण आर्थिक नुकसान का रोना भी रोया। इसके लिए उन्होंने विकासशील देशों को कर्ज में राहत देने की वैश्विक पहल का भी प्रस्ताव पेश किया। बता दें कि पहले से ही पाकिस्तान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। इस बीच कोरोना ने भी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। पाकिस्तान की जनता इन दिनों आटे और दाल के लिए भी मोहताज है। ऊपर से रही करस सऊदी अरब ने अपने संबंधों को कम करके पूरा कर दिया है।
भूटान के साथ घनिष्ठ संबंध की बात की
द्विपक्षीय बातचीत के दौरान इमरान खान ने भूटान के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंध के महत्व को उजागर किया। उन्होंने दोनों देशों में नियमित द्विपक्षीय संबंध और लोगों के आदान-प्रदान को लेकर भी चर्चा की। यह सभी जानते हैं कि पाकिस्तान और भूटान का आपस में कोई मेल नहीं है। एक शांतिप्रिय राष्ट्र है जबकि दूसरा आतंकवादियों को पालने वाला। ऐसे में पाकिस्तान भूटान के साथ कैसे द्विपक्षीय संबंध निभाने की बात कर रहा है यह देखने वाली बात होगी।