ग्लोबल वार्मिंग ने बजाई खतरे की घंटी, ग्रेट बैरियर रीफ के आधी से ज्यादा प्रवाल आबादी खत्म

ग्लोबल वार्मिंग ने बजाई खतरे की घंटी, ग्रेट बैरियर रीफ के आधी से ज्यादा प्रवाल आबादी खत्म
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

मेलबर्न
ऑस्ट्रेलिया स्थित द की आधी से अधिक प्रवाल आबादी पिछले तीन दशक में समाप्त हो चुकी है। द ग्रेट बैरियर रीफ विश्व की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति अथवा मूंगा चट्टान है। इससे संबंधित अध्ययन रिपोर्ट प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि समुद्र के बढ़ते तापमान के कारण प्रवाल भित्ति पर बुरा असर पड़ा है।

50 फीसदी आबादी खत्म
इसमें कहा गया है कि अध्ययन में विश्व के सबसे बड़े मूंगा चट्टान क्षेत्र में 1995 से 2017 के बीच इसकी आबादी और आकार का आकलन किया गया तथा पाया गया कि छोटे, मध्यम और बड़े सभी तरह के प्रवालों की संख्या में इस अवधि में कमी आई है। ऑस्ट्रेलिया स्थित एआरसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कोरल रीफ स्टडीज के टेरी हफेज ने कहा कि हमने पाया कि 1990 के दशक के बाद से ग्रेट बैरियर रीफ में 50 प्रतिशत से अधिक छोटे, मध्यम और बड़े प्रवाल खत्म हो चुके हैं।

ऑस्ट्रेलियाई टूरिज्म का है बड़ा स्त्रोत
इस रिसर्च सह लेखक और जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टेरी ह्यूजेस ने कहा कि आम तौर पर 25 साल पहले की तुलना में ग्रेट बैरियर रीफ में प्रवाल की संख्या 80 से 90 फीसदी कम हो गई है। 2300 किलोमीटर में फैली इस रीफ से ऑस्ट्रेलिया को हर साल 4 मिलियन डालर का टूरिज्म रेवेन्यू मिलता है। यह राशि कोरोनो वायरस की महामारी से पहले ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती थी।

गर्मी के प्रभाव से खत्म हुई रीफ की आबादी
अध्ययन रिपोर्ट के सह-लेखक एंडी डीजेल ने कहा कि इस सब पर रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का सर्वाधिक बुरा असर पड़ा। समुद्र का तापमान बढ़ने से कोरल के स्वास्थ्य पर पर्भाव बड़ा है। इसकी वजह से 2016 और 2017 में सामूहिक ब्लीचिंग की स्थिति उत्पन्न हो गई। मूंगा चट्टान क्षेत्र में ब्लीचिंग एक ऐसा घटनाक्रम होता है जिससे प्रवाल खत्म हो जाते हैं।

1998 में पहली बार दिखा था असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि मास ब्लीचिंग को पहली बार 1998 में रीफ पर देखा गया था। इस साल ऑस्ट्रेलिया में रिकर्ड गर्मी पड़ी थी। इसके बाद लगातार तापमान बढ़ता गया और रीफ पर इसका बुरा असर भी दिखने लगा। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस रीफ को फिर से उसके पुराने आकार में नहीं लाया जा सकता है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.