UNGA: तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कश्मीर पर फिर उगला जहर, बताया सबसे ज्वलंत मुद्दा
तुर्की के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से फिर एक बार कश्मीर को लेकर जहर उगला है। उन्होंने कहा कि कश्मीर एक ज्वलंत मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर के स्पेशल स्टेटस (अनुच्छेद 370) को हटाए जाने के बाद यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। हम इस समस्या का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत हल चाहते हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान की तारीफ भी की।
अगस्त में भी कश्मीर पर पाक का किया था समर्थन
अगस्त में ईद उल अजहा के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात करते हुए कश्मीर पर समर्थन का आश्वासन दिया था।
कश्मीर को फिलिस्तीन बता चुके हैं एर्दोगन
एर्दोगन ने पहले भी कई बार कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की है। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत पर कोरोना काल में भी कश्मीर में अत्याचार का झूठा आरोप भी लगाया था। जबकि सच्चाई यह है कि कश्मीर पर भारत को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहे एर्दोगन तुर्की मे खुद एक कट्टर इस्लामिक तानाशाह के रूप में जाने जाते हैं।
भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बना तुर्की
तुर्की अब पाकिस्तान के बाद ‘भारत-विरोधी गतिविधियों’ का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से फंड मिल रहा है। एक सीनियर गवर्नमेंट अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की भारत में मुसलमानों में कट्टरता घोलने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर अपने प्रभाव के विस्तार की कोशिश है।
मुस्लिम देशों का नेता बनना चाह रहे एर्दोगन
एर्दोआन ने पिछले दिनों ऐतिहासिक हगिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदल दिया जो सन 1453 तक एक चर्च रहा था। एर्दोआन मुस्लिम जगत में सऊदी अरब की बादशाहत को चुनौती देने की लगातार कोशिशों में लगे हैं। पिछले साल उन्होंने मलयेशिया के तत्कालीन पीएम महातिर मोहम्मद और पाकिस्तान पीएम इमरान खान के साथ मिलकर नॉन-अरब इस्लामी देशों का एक गठबंधन तैयार करने की कोशिश की थी।