यूएन में भारत ने पाकिस्तान को किया बेनकाब, मानवाधिकार के आरोपों पर जमकर सुनाया
जिनेवा में जारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45 वें सत्र में भारत ने मानवाधिकार के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमक खरीखोटी सुनाई। जिनेवा में भारतीय स्थायी मिशन में प्रथम सचिव सेंथिल कुमार ने जवाब देने के भारत के अधिकार के दौरान मानवाधिकार को लेकर पाकिस्तान के आरोपों की धज्जियां उड़ा दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मां, बहन और बेटियों की दुर्दशा हो रह है और इसे नया पाकिस्तान कहते हैं। ऐसे पाकिस्तान में कोई जाना नहीं चाहता।
पाकिस्तान में मानवाधिकारों पर यूएन जता चुका हैं चिंता
सेंथिल कुमार ने कहा कि सिर्फ 12 दिन पहले मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR)अपनी प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान में जारी हिंसा पर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की थी। पाक में पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों, विशेष रूप से महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऑनलाइन और ऑफलाइन हिंसा जारी है। दूसरों के बारे में बोलने से पहले पाकिस्तान को अपना घर बेहतर बनाना चाहिए।
पाकिस्तान में मानवाधिकार रक्षकों को डरा रही सरकार
पाकिस्तान में मानवाधिकार रक्षकों को पाकिस्तानी सरकार की प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ डराया और धमकाया जा रहा है। इन्हें गुप्त रूप से हिरासत में लेकर यातनाएं दी जा रही हैं। लोगों को चुप कराने के लिए गायब तक किया जा रहा है। पाकिस्तान में बेटियां, बहनें और माताएं दुर्दशा में है और इमरान खान इसे नया पाकिस्तान कहते हैं।
पाकिस्तान के आरोपों से हम आश्चर्यचकित नहीं
उन्होंने कहा कि फिर भी, हालांकि हम आश्चर्यचकित नहीं हैं कि पाकिस्तान ने भारत के आंतरिक मामलों के बारे में विघटनकारी और अपने अशुद्ध राजनीतिक प्रचार के जरिए परिषद का ध्यान हटाने की दो बार कोशिश की है।