जानें, कैसे होता है दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति का चुनाव, 5 अहम बातें

जानें, कैसे होता है दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति का चुनाव, 5 अहम बातें
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वॉशिंगटन
अमेरिका की राजनीति में इन दिनों चुनावी रंग चढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन एक-दूसरे के खिलाफ निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इन चुनावों (US Presidential Elections 2020) पर दुनिया की नजरें बनी रहती हैं क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति का वैश्विक स्तर पर गहरा प्रभाव होता है, खासकर अंतरराष्ट्रीय संकट जैसे जंग, वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन की स्थिति में। अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को होता है। इस साल यह 3 नवंबर (US Election 2020) को होगा। आइए जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया (America President Election Process) से जुड़ी खास बातें-

1. इन दो पार्टियों के बीच है टक्कर
अमेरिका में दो-पार्टी सिस्टम होता है और राष्ट्रपति इन्हीं दो पार्टियों में से एक का होता है। रिपब्लिकन कन्जर्वेटिव पार्टी है और इस साल भी उसके उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) हैं। इसे ग्रैंड ओल्ड पार्टी भी कहते हैं। हाल के सालों में इसने कम टैक्स, हथियारों के अधिकार और इमिग्रेशन पर प्रतिबंध के मुद्दों पर ध्यान दिया है। पहले जॉर्ज बुश, रॉनल्ड रीगन और रिचर्ड निक्सन रिपब्लिकन राष्ट्रपति रह चुके हैं।

वहीं, डेमोक्रैट लिबरल पार्टी है और उसके उम्मीदवार जो बाइ़डेन (Joe Biden) हैं। डेमोक्रैट सिविल राइट्स, इमिग्रेशन और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ध्यान देते हैं। डेमोक्रैट्स का मानना है कि सरकार की भूमिका लोगों को बीमा देने जैसे कामों से जुड़ी होती है। जॉन एफ केनेडी और बराक ओबामा डेमोक्रैट राष्ट्रपति रह चुके हैं।

2. कैसे होता है चुनाव?
अमेरिका में जिस उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलते हैं, उसकी जीत हो, यह तय नहीं होता। दरअसल, उम्मीदवार इलेक्टोरल कॉलेज के वोट को जीतने की कोशिश करते हैं। हर स्टेट को उसकी आबादी के आधार पर इलेक्टोरल कॉलेज मिलता है। इनकी कुल संख्या 538 होती है और जीतने वाले कैंडिडेट को 270 या ज्यादा वोट जीतने होते हैं। यानी कि जब लोग वोट डालते हैं तो वे देश का राष्ट्रपति नहीं अपनी स्टेट का प्रतिनिधि चुन रहे होते हैं। इस साल House की 435 सीटों और Senate की 33 सीटों पर उम्मीदवार किस्मत आजमाएंगे।

3. कौन कर सकता है वोट?
अमेरिका के 18 साल से ऊपर के नागरिक राष्ट्रपति पद के लिए वोट कर सकते हैं। कई राज्यों ने ऐसा नियम बनाया है कि वोटरों को अपनी पहचान दिखानी पड़ती है। रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि वोटिंग के फ्रॉड से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है। वहीं, डेमोक्रैट्स का कहना है कि इससे ऐसे लोग वोट देने से वंचित रह जाते हैं जिनके पास कोई पहचान पत्र न हो।

4. कैसे पड़ते हैं वोट?
यूं तो देश में ज्यादातर वोट पोलिंग स्टेशन पर पड़ते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस की वजह से इसमें बदलाव देखा जा सकता है। साल 2016 के चुनाव में ही 21% वोटरों ने पोस्ट से वोट डाला था। इस बार भी ऐसे देखने को मिल सकता है। ज्यादातर नेता पोस्टल बैलट के इस्तेमाल के लिए कह रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि इससे फ्राड की संभावना ज्यादा है।

5. राष्ट्रपति कब लेते हैं शपथ?
आमतौर पर हर वोट को गिनने में कई दिन लग जाते हैं लेकिन कौन जीतेगा, इसका अंदाजा चुनाव के अगले दिन ही लग जाता है। इस साल यह समय बढ़ सकता है क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से पोस्टल बैलट की संख्या बढ़ने पर गिनने में ज्यादा समय लगेगा। नए राष्ट्रपति को चार साल के कार्यकाल के लिए पद की शपथ 20 जनवरी को दिलाई जाएगी। इस समारोह को Inauguration कहते हैं जो वॉशिंगटन डीसी की Capitol इमारत में होता है।

(Source: BBC)

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