कोरोना, आत्महत्या, राजनीति…भगोड़े नीरव मोदी को बचाने के लिए वकील ने चला दांव
भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ लंदन में सुनवाई का सामना कर रहे हीरा कारोबारी के वकील ने नया दांव चला है। वकील ने भारतीय जेलों के रखरखाव को लेकर सवाल खड़े किए। ब्रिटिश अदालत में नीरव मोदी के वकील क्लेर मोंटगोमरी ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के विरूद्ध वहां निष्पक्ष मुकदमा चलने की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जेलों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के चलते आत्महत्या का भी खतरा है।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का है मास्टरमाइंड
उल्लेखनीय है कि मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इसे लेकर भारत में विभिन्न जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इस मामले में मोदी के सहयोगी मेहुल चौकसी भी भारत में वांछित हैं। ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) के जरिए भारत इस वांछित अभियुक्त के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
अदालत में नीरव की पांच दिनों की प्रत्यर्पण सुनवाई के दूसरे दिन न्यायमूर्ति सैमुअल गूज ने भारतीय जेलों के आधिकारिक आंकड़ों पर गौर किया, जिनमें मुंबई के आर्थर रोड जेल में कोविड-19 के मामले भी शामिल हैं। प्रत्यर्पित किये जाने पर उसे इसी जेल में रखा जाएगा। नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने सप्ताह में आगे की सुनवाई के दौरान विशेषज्ञों के बयान दिलाने की अपनी योजना से भी अदालत को अवगत कराया। इनमें भारतीय उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश भी शामिल हैं, जिनके सिर्फ अंतिम नाम काटजू का उल्लेख किया गया है।
भारतीय जांच एजेंसियों पर उठाए सवाल
मोंटगोमरी ने अदालत से कहा कि भारत में न्याय प्रणाली की सत्यनिष्ठा का काफी क्षरण हुआ है…और नीरव मोदी का मामला एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिसमें बेगुनाही की कोई परिकल्पना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि चूंकि हीरा कारोबारी भारत में नफरत भरी नजरों से देखा जा रहा है, इसलिए उसकी निंदा करने और उसे दोषी साबित होते देखने की जबरदस्त राजनीतिक आवश्यकता पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष के अन्य गवाहों ने भी जांच एजेंसियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के व्यवहार के मानदंड में गिरावट आने का भी जिक्र किया है।
साल के अंत में आ सकता है फैसला
नीरव की कानूनी टीम ने आर्थर रोड जेल में मई में कोविड-19 के प्रसार को काबू कर लिये जाने के भारत सरकार के दावों का जवाब देने की कोशिश के तहत एक विशेषज्ञ की गवाही दिलाने की योजना का भी संकेत दिया है। नीरव दो मामलों में आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहा है, एक मामला पीएनबी से की गई धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई का है, जबकि दूसरा मामला उस रकम के धन शोधन को लेकर ईडी का है। प्रत्यर्पण के मामले में इस साल के अंत में फैसला आने की उम्मीद है।