कोरोना वैक्सीन के लिए WHO से बात कर रहा भारत, COVAX अलायंस में होगा शामिल!
कोरोना वायरस वैक्सीन के आवंटन योजना में भारत को शामिल करने के लिए बातचीत कर रहा है। डब्लूएचओ के वरिष्ठ सलाहकार ब्रूस आयलवर्ड ने जिनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि COVAX फैसिलिटी का हिस्सा बनने के लिए दुनिया के अन्य सभी देशों की तरह भारत निश्चित रूप से पात्र है। इसे लेकर हमारी बातचीत जारी है। हम इस फैसिलिटी में भारतीय भागीदारी का स्वागत करेंगे।
WHO और GAVI कर रहे COVAX फैसिलिटी का नेतृत्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन और GAVI वैक्सीन अलायंस COVAX फैसिलिटी का नेतृत्व कर रहे हैं। इसका उद्देश्य दुनियाभर में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन की खरीद और उसे वितरित करने में मदद करना है। लेकिन, अमेरिका समेत कई देशों ने वैक्सीन बना रही कंपनियों के साथ सीधा समझौता कर अपने लिए आपूर्ति सुरक्षित कर ली है।
वैक्सीन पर क्या बोले थे डॉ हर्षवर्धन
भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पिछले महीने कहा था कि इस वर्ष के अंत तक कोरोनावायरस के खिलाफ भारत का पहला टीका उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने बताया था कि हमारे COVID-19 वैक्सीन उम्मीदवारों में से एक क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। हम बहुत आश्वस्त हैं कि इस साल के अंत तक एक वैक्सीन विकसित किया जाएगी।
क्या है COVAX फैसिलिटी?
कोवैक्स फसिलटी कोरोना वैक्सीन को लेकर एक ग्लोबल कोलैबोरेशन है। इसका मकसद वैक्सीन डिवेलपमेंट, प्रॉडक्शन और हर किसी तक इसकी पहुंच बनाने की है। इस कोलैबोरेशन का नेतृत्व Gavi की तरफ से किया जा रहा है। Gavi एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) और WHO का गठजोर है। WHO की वेबसाइट पर 15 जुलाई को उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 75 देशों ने COVAX फसिलटी ज्वाइन करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जमा किया है।
वैक्सीन के वितरण के लिए बनाया गया COVAX अलायंस
COVAX या कोविड-19 वैक्सीन को लेकर डब्लूएचओ ने गावी (ग्लोबल अलाइंस फॉर वैक्सीन्स ऐंड इम्युनिसेशन) अलायंस अभियान शुरू किया है। इसमें वास्तव में कोविड-19 के वैक्सीन को विकसित करने और उसे पूरी दुनिया में समान रूप से पहुंचाने की योजना तैयार की गई है। इसकी योजना के तहत सभी देशों और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को एक साथ एक ही प्लैटफॉर्म पर लाना है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि वर्तमान में नौ वैक्सीन उम्मीदवारों को पोर्टफोलियो में शामिल किया गया है।
COVAX से वैक्सीन की उपलब्धता होगी तय
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार किसी विदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनी के सीधे संपर्क में नहीं है। लेकिन वैक्सीन की सप्लाई में उसकी हिस्सेदारी GAVI और कोअलिशन एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशंस (CEPI) के जरिए जरूर है। भारत एक तीसरे तरीके पर भी काम कर रहा है। वो है COVAX जो कि WHO, GAVI और CEPI का गठबंधन है। ये तीनों साथ आए हैं ताकि सभी देशों में टीके की डिमांड पूरी की जा सके। COVAX का मकसद है कि सभी देशों (विकसित देशों को छोड़कर) की जरूरत का कम से कम 20 फीसदी टीके इसके जरिए सप्लाई हो सकें।