SCO समिट 2020: रूस से राजनाथ का चीन पर निशाना, शांति के लिए आक्रामक तेवर ठीक नहीं

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मॉस्को
चीन के साथ उत्तर और उत्तरपूर्व सीमा पर कायम सैन्य टकराव के बीच भारत के रक्षामंत्री ने मॉस्को में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने चीन को इशारों में कड़ा संदेश दिया है। सिंह ने साफ कहा है कि क्षेत्रीय स्थिरता शांति के लिए आक्रामक तेवर को खत्म करना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद की निंदा करता है और उन लोगों की भी जो इसका समर्थन करते हैं।

चीन पर साधा निशाना (ladakh standoff)
हाल के समय में चीन की तेज होती सैन्य गतिविधियों पर निशाना साधते हुए राजनाथ ने साफ कहा कि एक-दूसरे के प्रति विश्वास, गैर-आक्रामकता और संवेदनशीलता का माहौल SCO क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि चरमपंथी प्रॉपगैंडा से निपटने के लिए और कट्टरवाद को खत्म करने के लिए ऐंटी-टेरर मकैनिज्म को अपनाया जाना बड़ा फैसला है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद
बता दें कि
के रक्षा मंत्री वेई फेंघे (Wei Fenghe )ने भारत के साथ बैठक का अनुरोध किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने अपने समकक्ष भारत के रक्षा मंत्री
के साथ शुक्रवार को बैठक के लिए समय मांगा है। हालांकि, अभी तक भारत की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद मई से गहराने लगा था जिसके बाद जून और अगस्त में दो बार दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। जून में हुए टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन अपने हताहतों की संख्या अभी तक छिपा रहा है।

पाकिस्तान को भी घेरा
सिंह ने यह भी कहा हमें संस्थागत क्षमता चाहिए ताकि पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों, आतंकवाद, नशीले पदार्थो की तस्करी और राष्ट्रों के बीच होने वाले अपराधों से निपटा जा सके। वहीं, पाकिस्तान को भी घेरते हुए राजनाथ ने कहा, ‘जैसा कि आपको पता है, भारत हर तरीके के आतंकवाद की निंदा करता है और उन लोगों की भी जो इसका समर्थन करते हैं।’ पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मिट्टी में आतंकवाद पनपने से रोकने में असफल होने के लिए काफी किरकिरी हुई है।

अफगानिस्तान पर जताई चिंता
बैठक के दौरान सिंह ने कहा, ‘मैं इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारत वैश्विक सुरक्षा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह पारदर्शी, खुला हुआ, सबको शामिल करके, नियमों के आधार पर और अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल्यों के साथ होगा।’ रक्षामंत्री ने अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अफगान नेतृत्व वाली और अफगान नियंत्रित शांति प्रक्रिया की दिशा में भारत अफगानिस्तान के लोगों और सरकार का समर्थन करता रहेगा। उन्होंने खाड़ी के देशों (Persian Gulf) क्षेत्र में हालात को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत को खाड़ी देशों की चिंता भी है और सभ्यता के साथ लिंक भी। भारत के सभी दोस्तों से सम्मान, संप्रभुता और बिना आंतरिक मुद्दों में दखल दिए बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाने की अपील करते हैं।

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