चीन की चेतावनी को धता बताकर ताइवान पहुंचे चेक रिपब्लिक नेता को मिला यूरोप का साथ- 'यहां धमकियों की जगह नहीं'
चीन भले ही कूटनीतिक और सैन्य ताकत दिखाकर ताइवान और उसके साथ खड़े देशों पर अपना जोर चलाना चाहता हो, उसकी राह इतनी भी आसान नहीं होने वाली है। कम से कम चेक सीनेट के प्रेजिडेंट मीलोस विस्ट्रसिल ने इस बात को जाहिर कर दिया है। उन्होंने चीन की चेतावनी को धता बताते हुए गुरुवार को ताइवान के नेता साई इंगवेन के साथ मुलाकात की। चीन ने इस कदम को ‘अंतरराष्ट्रीय विश्वासघात बताया है’ और मीलोस के बयानों पर चीन की ‘वन चाइना पॉलिसी’ के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
‘हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे’
चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी ने यहां तक कह डाला था कि मीलोस ने ‘रेड लाइन क्रॉस’ कर दी है। को अपना क्षेत्र समझता है और उसके दूसरे देशों के साथ आधिकारिक संबंधों से ऐतराज करता है। यी ने कहा था कि चीन की सरकार और लोग हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी थी, ‘मीलोस को अपने अदूरदर्शी बर्ताव राजनीतिक मौकापरस्ती की कीमत चुकानी पड़ेगी।’
‘कोई रेड लाइन क्रॉस नहीं की’
हालांकि, मीलोस पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा और गुरुवार को वह अपने तय शेड्यूल पर ही ताइवान पहुंचे। यहां उन्होंने साई इंगवेन और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। साई ने मीलोस से पहले चेक सीनेट प्रेजिडेंट जारोसलाव कुबेरा के लिए मेडल भी दिया। जारोसलाव का जनवरी में निधन हो गया था और वह खुद यह मेडल नहीं ले सके थे। इस दौरान मीलोस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि उन्होंने कोई ‘रेड लाइन’ क्रॉस की है।
‘चीन का नहीं है ताइवान’
मीलोस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि उन्होंने कुछ भी ऐसा किया है जो ‘एक चीन’ की नीति का उल्लंघन हो। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि हर देश के पास अधिकार है कि वह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का अपने हिसाब से मतलब निकाले। ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने कहा कि ताइवान यथास्थिति कायम करने की कोशिश कर रहा है और ‘यथास्थिति यह है कि ताइवान चीन का नहीं है। ताइवान के लोग उसे चलाते हैं।’
चेक के साथ यूरोप आया आगे
जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने वॉन्ग की चेतावनी पर कहा कि यूरोप ने अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को सम्मान दिया है और उनसे वैसी ही उम्मीद करते हैं। धमकियों की यहां कोई जगह नहीं है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने भी वॉन्ग की धमकी को अस्वीकार्य बताया है। स्लोवाकिया की राष्ट्रपति जुजाना कापुटोवा का कहना है कि यूरोपियन यूनियन के किसी सदस्य को दी गई धमकी हमारे सहयोग का उल्लंघन करती है और यह अस्वीकार्य है।
मीलोस ने दिया था ताइवान को समर्थन
दरअसल, मीलोस ने मंगलवार को पेइचिंग को तब नाराज कर दिया था जब ताइवान के सांसदों के सामने उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जेएफ केनेडी की एक स्पीच का जिक्र कर दिया था। कोल्ड वॉर के दौरान वेस्ट बर्लिन की ट्रिप के दौरान केनेडी ने युद्ध के बाद चेक रिपब्लिक के कम्युनिस्ट शासन के आखिर में लोकतांत्रिक आजादी पर जोर दिया था। इसके बाद मीलोस ने खुद को ‘ताइवानी’ बताकर ताइवान को समर्थन दिया था।