कौशल उन्नयन में छत्तीसगढ़ होगा भारत का अग्रणी राज्य: डॉ. रमन सिंह
रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि कौशल उन्नयन के मामले में छत्तीसगढ़ बहुत जल्द भारत का अग्रणी राज्य बनेगा। मुख्यमंत्री आज दोपहर संभागीय मुख्यालय बिलासपुर के त्रिवेणी भवन (व्यापार-विहार) में पांच दिवसीय राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मेले के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मेले का आयोजन लघु एवं सहायक उद्योग संघ द्वारा लघु उद्योग विकास बैंक, सूक्ष्म, लघु मध्यम, उद्यम, विकास संस्थान भारत सरकार, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम भारत सरकार के सहयोग से किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर युवा के हाथ में रोजगार होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि युवाओं को छोटे-छोटे व्यवसायों में हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए देश की सबसे बड़ी कौशल उन्नयन योजना छत्तीसगढ़ में क्रियान्वित की जा रही है। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर आयोजकों की ओर से एक स्मारिका का विमोचन भी किया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जिलों की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विभिन्न लघु व्यवसायों में अल्पकालीन कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। युवाओं को छोटे-छोटे व्यवसायों इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के सुधार, कम्प्यूटर, राजमिस्त्री, वेल्डर, फीटर, सिलाई आदि के प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी 27 जिलों में लाईवलीहुड कॉलेज प्रारंभ किए गए हैं। वर्ष 2019 तक प्रदेश में दो लाख 44 हजार से ज्यादा युवाओं को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। दंतेवाड़ा से लेकर बलरामपुर जिले तक इस योजना पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि विमुद्रीकरण के बाद भी व्यवसाय व्यापार में कमी नहीं आई है। छोटे-छोटे दुकानदार, ठेले वाले भी लेसकैश या कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। मेले में बताया गया है कि कैसे नगद हस्तांतरण को कम से कम किया जाये। लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजकों द्वारा अभियान चलाया गया। आयोजकों का यह कदम सामयिक और सराहनीय है।
समारोह में नगरीय प्रशासन और उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री बद्रीधर दीवान, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी, लोकसभा सांसद बिलासपुर श्री लखनलाल साहू, संसदीय सचिव श्री राजू सिंह क्षत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मेले की स्मारिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने व्यापार मेले की सराहना करते हुए कहा कि इस मेले ने देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता पाई है। बड़े उद्योगपति से लेकर छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले व्यापारी भी इस मेले में शामिल होते हैं। मेले में उन्हें एक-दूसरे से काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है। उत्पादन, विपणन और बाजार के बारे में नई-नई जानकारियां मिलती है। उन्होंने कहा कि उद्योग नीति, उद्योग स्थापना की प्रक्रिया से उद्यमियों को परिचित कराने में भी इस मेले की बड़ी भूमिका है। मेले की उपयोगिता को देखते हुए अनेक उद्योगपति पिछले 15 वर्षों से लगातार इस मेले में आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले का जितना विस्तार हुआ है। उसके लिए यह जगह पर्याप्त नहीं है। इसकी व्यापकता के लिए नया स्थल विकसित किया जायेगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन करते हुए लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री हरिश केडिया ने मेले के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मेले में कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने वाले व्यवसायियों को सम्मानित किया गया तथा कैशलेस व्यवस्था के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। इस अवसर पर मेले को सफल बनाने के लिए जुटे हुए कार्यकर्ताओं को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बिलासपुर नगर निगम के महापौर श्री किशोर राय, कमिश्नर बिलासपुर श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, आई.जी. श्री विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर बिलासपुर श्री अन्बलगन पी., पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री मयंक श्रीवास्तव, उद्योग विभाग के संचालक श्री कार्तिकेय गोयल, सिडबी के सहायक महाप्रबंधक श्री सुदीप्त आईच, उप महाप्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया श्री अनुराग मित्तल, अध्यक्ष संभागीय चेंबर ऑफ कॉमर्स श्री रामअवतार अग्रवाल, जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री विनोद अग्रवाल सहित उद्योग संघ के पदाधिकारी, प्रदेश भर से आये हुए उद्योगपति, व्यवसायी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।