अब थाईलैंड ने चीन को दिया बड़ा झटका, 2 पनडुब्बियों की डील को किया रद्द
चीन को अब उसके कर्मों की सजा दुनिया के हर के देश से मिल रही है। भारत ने लद्दाख में झड़प के बाद चीन की कई परियोजनाओं को रद्द तो कर ही दिया था अब इसमें भी शामिल हो गया है। थाईलैंड ने भारी जनविरोध के बाद चीन से 2 पनडुब्बियों को खरीदे जाने की योजना को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। थाईलैंड की सरकार ने संसद से अगले साल के बजट में से चीन को इन पनडुब्बियों के लिए एडवांस में पैसे देने की अपनी योजना को भी वापस ले लिया है।
डील के कारण अमेरिका के साथ थाईलैंड के बिगड़े संबंध
थाईलैंड ने चीन के साथ जून 2015 में पनडुब्बियों के खरीद को लेकर बातचीत शुरू की थी। इसके एक साल पहले ही थाईलैंड में प्रधानमंत्री प्रायुत चान-ओ-चा को सत्ता से हटाकर सेना ने कब्जा कर लिया था। इसके बाद थाईलैंड को चीन के बीच संबंध निरंतर मजबूत होने लगे। इसी के कारण अमेरिका ने थाईलैंड पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे। दोनों देशों में रिश्ते भी खराब हो गए थे।
डील की रकम को लेकर हुई थी खींचतान
थाईलैंड की कैबिनेट ने पहली पनडुब्बी की खरीद को लेकर 2017 में अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके लिए को 434.1 मिलियन डॉलर की रकम देने वाला था। इस पनडुब्बी की डिलीवरी 2013 में होनी थी। लेकिन शेष दो यूआन क्लास की एस26टी डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के खरीद को लेकर बात नहीं बन पाई। चीन ने इन दो पनडुब्बियों के लिए 720 मिलियन डॉलर की मांग की थी, जबकि थाईलैंड ने इसे बहुत ज्यादा बताया था।
कोरोना ने थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को दिया झटका
कोरोना वायरस के कारण थाईलैंड की अर्थव्यवस्था इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में थाईलैंड को काफी सफलता मिली है, लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था 12.2 फीसदी कम हो गई है। बताया जा रहा है कि 1997-98 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद से यह थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट है।
सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
अगस्त में थाईलैंड की संसद में सरकार ने प्रस्ताव पेश किया था कि चीन को इन पनडुब्बियों के लिए दी जाने वाली रकम को 7 साल में चुकाया जाएगा। इस राशि को देश के बजट में जोड़ने की तैयारी की जा रही थी। जिसके बाद गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद इतनी महंगी डील को लेकर थाईलैंड की सरकार का विरोध शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर भी #PeopleSayNoToSubs हैशटैग से अभियान चलने लगा।
बैकफुट पर आई थाई सरकार
विपक्षी पार्टियों के जबरदस्त विरोध के कारण थाईलैंड की सरकार बैकफुट पर आ गई। उसने तुरंत इस डील को अनिश्चितकाल के लिए टालने का ऐलान कर दिया है। थाईलैंड का अपने पड़ोसियों वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और म्यांमार से कई मुद्दों पर टकराव है। अक्सर समुद्री सीमा को लेकर इन देशों में विवाद होते रहते हैं। ऐसे में रॉयल थाई नेवी के लिए इस सौदे का रद्द होना एक बड़ा झटका है।