पहली बार इजरायल से यूएई पहुंची सीधी फ्लाइट, सऊदी के ऊपर से उड़कर रचा इतिहास
मध्य एशिया में शांति की ओर ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पहला व्यावसायिक विमान सोमवार को अबुधाबी में उतरा। इस विमान में के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन शब्बात के नेतृत्व में उच्चस्तरीय इजराइली प्रतिनिधिमंडल भी यूएई पहुंचा है। इसी विमान से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार और दामाद , यूएस के सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन और उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी अबुधाबी पहुंचा।
कुशनर बोले- हमने ऐतिहासिक उड़ान पूरी की
विमान से उतरने के बाद कुशनर ने कहा कि हमने अभी-अभी वाकई ऐतिहासिक उड़ान पूरी की है। आशा करते हैं कि यह भविष्य में आने वाली तमाम उड़ानों में से एक हो। उन्होंने इस अवसर के लिए दोनों देशों के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। सऊदी अरब ने भी सीधी उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति दे दी है। कुशनर ने कहा कि लोग शांति चाहते हैं, सिवाय उनके जो दूसरों की तकलीफों को सीढ़ी बनाकर सत्ता में बने रहना चाहते हैं। भविष्य क्षेत्र के मेहनती लोगों का है।
13 अगस्त को दोनों देशों में हुई थी डील
इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात ने 13 अगस्त को घोषणा की थी कि वे अमेरिका की मध्यस्थता से हुए समझौते के तहत पूर्ण कूटनीतिक संबंधों को स्थापित कर रहे हैं। इस समझौते के तहत इजराइल को पश्चिम तट के कुछ हिस्सों को अपने अधिकार क्षेत्र में मिलाने की अपनी योजना पर रोक लगानी है। यूएई तीसरा अरब देश है जिसने यहूदी देश के साथ सीधे कूटनीतिक संबंध जोड़े हैं। इनके अलावा इजरायल के दो पड़ोसी देश जॉर्डन और मिस्र उसे मान्यता देते हैं।
सऊदी के ऊपर से पहली बार गुजरा इजरायली प्लेन
इस कदम को बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इजराइली राष्ट्रीय विमानन कंपनी, एल अल का विमान सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरा। विश्लेषक इसे खाड़ी देशों द्वारा इजराइल को स्वीकार किए जाने और संभवत : उस क्षेत्र में अन्य मित्रवत देशों के साथ रिश्तों के सामान्य होने के तौर पर देख रहे हैं। इजरायल के बेन गुरियन हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद तीन घंटे 20 मिनट की यात्रा करके यह विमान अबु धाबी पहुंचा।
यूएई को एफ-35 पर क्या बोले कुशनर?
सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम की खबर के अनुसार, यह पूछने पर कि क्या अमेरिका यूएई को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचेगा, कुशनर ने कहा कि प्रधानमंत्री नेतान्याहू और राष्ट्रपति ट्रंप कभी ना कभी इस बारे में चर्चा करेंगे।