ऑक्सफर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन पर खुशखबरी, ब्रिटेन ने बताया कब होगी लॉन्चिंग!
ऑक्सफर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन की राह देख रही दुनिया के लिए ब्रिटेन से खुशखबरी आई है। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक यह वैक्सीन अगले 6 हफ्तों यानी 42 दिन में बनकर तैयार हो सकती है। सरकार की जल्द से जल्द मंजूरी मिलने के लिए ब्रिटेन के कानून में भी बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत, जैसे ही वैज्ञानिक वैक्सीन की सफलता का ऐलान करेंगे, इसे गंभीर स्थिति में पहुंच चुके रोगियों को आपात स्थिति में दिया जा सकेगा।
Oxford University Coronavirus Vaccine Updates: ऑक्सफर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन की राह देख रही दुनिया के लिए ब्रिटेन से खुशखबरी आई है। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक यह वैक्सीन अगले 6 हफ्तों यानी 42 दिन में बनकर तैयार हो सकती है। सरकार की जल्द से जल्द मंजूरी मिलने के लिए ब्रिटेन के कानून में भी बदलाव किया जा रहा है।
ऑक्सफर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन की राह देख रही दुनिया के लिए ब्रिटेन से खुशखबरी आई है। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक यह वैक्सीन अगले 6 हफ्तों यानी 42 दिन में बनकर तैयार हो सकती है। सरकार की जल्द से जल्द मंजूरी मिलने के लिए ब्रिटेन के कानून में भी बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत, जैसे ही वैज्ञानिक वैक्सीन की सफलता का ऐलान करेंगे, इसे गंभीर स्थिति में पहुंच चुके रोगियों को आपात स्थिति में दिया जा सकेगा।
अगले 6 सप्ताह में तैयार हो सकती है वैक्सीन
ब्रिटिश मीडिया एक्सप्रेस.को.यूके में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्रिटिश अधिकारी ने संडे एक्सप्रेस को बताया कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने के अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। दोनों उम्मीदवार अलग-अलग कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो ऑक्सफर्ड की वैक्सीन अगले 6 सप्ताह में बनकर तैयार हो जाएगी।
कुछ महीनों में इस वैक्सीन का शुरू होगा उत्पादन
अधिकारी ने यह भी कहा कि वैक्सीन बनने के बाद कुछ ही महीनों में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। जिसे ब्रिटेन की पूरी आबादी को वैक्सीन की खुराक दी जा सके। अधिकारी ने आशा जताई कि इससे 2021 में जनजीवन तेजी से सामान्य हो सकता है। हालांकि, सरकार अभी देश को खोलने के लेकर काफी सतर्क नजर आ रही है।
क्रिसमस से पहले सभी लोगों को दे देंगे वैक्सीन
यूके वैक्सीन टास्कफोर्स की प्रमुख केट बिंघम ने कहा कि वैक्सीन को लेकर हम भी आशावादी हैं। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम काम करते रहें और जश्न में सबकुछ भूल न जाएं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के अंतिम ट्रायल रिजल्ट जब यह संकेत दे देंगे कि इनका उपयोग सुरक्षित है, फिर इसके उत्पादन की तैयारी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन को क्रिसमस से कुछ समय पहले लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।
डेटा को लेकर वैज्ञानिकों ने जताई खुशी
वैक्सीन के विकास से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ट्रायल के दौरान हमें बहुत ही अच्छा डेटा मिल रहा है। शुरुआत में हम बीमारी को ट्रैक करने के लिए अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों पर भरोसा कर रहे थे। लेकिन अब हम बहुत अधिक अप-टू-डेट डेटा प्राप्त कर रहे हैं। जिससे वैक्सीन के विकास की संभावना भी बढ़ी है।
सबसे पहले किसे दी जाएगी वैक्सीन
ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स केट बिंघम के अनुसार, बुजुर्ग लोगों को युवाओं से अलग वैक्सीन दिए जाने की भी संभावना है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। वैक्सीन दिए जाने पर 65 की उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोगों, फ्रंटलाइन हेल्थ और सोशल केयर वर्कर्स को भी यह पहले दी जाएगी।
रूस ने बिना ट्रायल वैक्सीन को दी मंजूरी
रूस ने पहले ही अपनी कोरोना वैक्सीन Sputnik V को लॉन्च कर दिया है। हालांकि, उसे लेकर एक्सपर्ट्स को शक है क्योंकि बिना बड़ी आबादी पर टेस्ट किए ही, उसे अप्रूव कर दिया गया है। हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि इस वैक्सीन ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों पर अच्छा असर दिलाया है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनकी एक बेटी को इस वैक्सीन का डोज दिया गया है।
चीन ने भी बिना ट्रायल लोगों को दी वैक्सीन की डोज
दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन ने एक महीने पहले ही अपने लोगों को वैक्सीन दे दी थी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है। हालांकि, आयोग ने यह नहीं बताया कि चीन में क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंची चार वैक्सीन में से किसे लोगों को दिया गया है। इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी दावा किया कि लोगों पर इस वैक्सीन का कोई कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।