'परमाणु बम से भी शक्तिशाली' उत्तर कोरिया की खुफिया सुरंगें जिनसे दक्षिण कोरिया पर हमले का था प्लान
उत्तर कोरिया में एक टनल नेटवर्क है जिसे तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति में इस्तेमाल के लिए बनाया गया है। एक लीडर के मुताबिक यह टनल 10 परमाणु बमों से भी ज्यादा शक्तिशाली है। इस हफ्ते किम जोंग उन ने वर्कर्स पार्टी की एक मीटिंग में प्रशासन से कोरोना वायरस की महामारी और संभावित तूफान की वजह से देश को पैदा हुए खतरे के चलते तैयार रहने के लिए कहा।
डेली एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 50 साल पहले वियतनाम वॉर के खत्म होने के बाद कोरियन डीमिलिटराइज्ड जोन (DMZ) के कोरान्गपो-री के पास तैनात दक्षिण कोरिया के सैनिकों ने जमीन से भाप उठती देखी। DMZ के 160 मील इलाके में सैनिकों ने धमाके सुने थे और उत्तर कोरिया की ओर खुदाई के उपकरणों की आवाजें भी सुनी थीं।
ऐसे मिला था टनल
संयुक्त राष्ट्र कमांड ने अमेरिका ने वेली कमांडर रॉबर्ट एम बॉलिंगर और मरीन मेजर ऐंथनी नास्त्री को टनल का इंस्पेक्शन करने के लिए भेजा। प्रोटोकॉल के तहत वे बिना हथियारों के कोरिया के मरीन मेजर किम हाह-चुल के साथ गए। लेफ्टिनेंट कर्नल माइकल वाइकन ने थॉमस मरे की किताब- ’20वीं शताब्दी में जासूसी और अमेरिका’ से याद करते हुए बताया है कि जहां गड्ढा था वहां धमाका हो गया। इस बात का पता नहीं लगाया जा सका कि धमाका कैसे हुआ।
‘विशाल टनल के अंदर रेलवे भी’
बाद में इंस्पेक्शन के दौरान ‘First Tunnel of Aggression’ सामने आया जिसमें कंक्रीट की दीवारें, इलेक्ट्रिक लाइट, हथियार स्टोर करने की जगह और सोने की जगह थी। ये टनल दो मील का था जिसका एक-तिहाई हिस्सा दक्षिण कोरिया की ओर था और इसमें एक घंटे में दो हजार सैनिक घूम सकते थे। यहां तक कि इसमें कार्ट के साथ रेलवे भी था। दक्षिण कोरिया के रक्षा श्वेतपत्र में बताया गया था कि उत्तर कोरिया के पूर्व लीडर किम II-सुन्ग ने टनल बनने का आदेश 25 सितंबर, 1971 को दिया था।
‘एक नहीं, कम से कम 15 टनल और’
किम II-सुन्ग ने दावा किया था कि एक टनल 10 परमाणु बम की ताकत के बराबर है और दक्षिण कोरिया में दाखिल होने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। खास बात यह थी कि इसके बाद ऐसे ही चार और टनल खोजे गए। माना जा रहा है कि अभी ऐसे ही और क्षेत्र भी हो सकते हैं। कोरिया के श्वेतपत्र में 1990 में दावा किया गया कि जमीन से कई मीटर अंदर ऐसे दो मीटर चौड़ा टनल खोजना लगभग नामुमकिन है। यहां तक दावा किया जाता है कि ऐसे कम से कम 16-20 टनल और मौजूद हो सकते हैं। हालांकि, यह भी कहा जाता है कि दक्षिण कोरिया के पास पारंपरिक युद्ध की ज्यादा क्षमता है। इसलिए उत्तर कोरिया घुसपैठ की जगह मिसाइलों और परमाणु हथियारों का सहारा ले रहा है।