RIMPAC'20: 10 देशों ने प्रशांत महासागर में बरसाई 'आग', गायब चीन
अमेरिका के हवाई द्वीप समूह के पास 17 अगस्त से शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास रिमपैक (Rim of the Pacific Exercise) का पहला हफ्ता पूरा हो गया है। इस दौरान कई देशों की सेनाओं ने अपने घातक हथियारों और विशाल युद्धपोतों का शक्तिप्रदर्शन किया। यह अभ्यास इसलिए ज्यादा खास रहा क्योंकि इसमें शामिल कई देशों के साथ चीन के तनावपूर्ण संबंधों के चलते उसे शामिल नहीं किया गया और एक तरह से उसके खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया गया। यह अभ्यास 31 अगस्त तक चलेगा।
Rimpac 2020: दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक युद्धाभ्यास का पहला हफ्ता पूरा हो गया है। इस दौरान कई देशों ने अपनी शक्ति दिखाई। यह अभ्यास 31 अगस्त तक चलेगा।
अमेरिका के हवाई द्वीप समूह के पास 17 अगस्त से शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास रिमपैक (Rim of the Pacific Exercise) का पहला हफ्ता पूरा हो गया है। इस दौरान कई देशों की सेनाओं ने अपने घातक हथियारों और विशाल युद्धपोतों का शक्तिप्रदर्शन किया। यह अभ्यास इसलिए ज्यादा खास रहा क्योंकि इसमें शामिल कई देशों के साथ चीन के तनावपूर्ण संबंधों के चलते उसे शामिल नहीं किया गया और एक तरह से उसके खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया गया। यह अभ्यास 31 अगस्त तक चलेगा।
‘नहीं दिखे चीनी-रूसी जहाज’
पहले हफ्ते का अभ्यास खत्म होने का बाद अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि अगला हफ्ता और भी धमाकेदार होने वाला है। सेना का कहना है कि RIMPAC में हुई ट्रेनिंग ऐसी फोर्स तैयार करती है जो घातक होती है और मुश्किल हालात में खतरनाक जवाब दे सकती है। इससे नई पार्टनरशिप बनती है जिससे शांति की स्थापना में मदद मिलती है और टकराव से बचा जा सकता है। वहीं, इस साल के युद्धाभ्यास के डायरेक्टर कैप्टन जे स्टीनगोल्ड का कहना है कि इस दौरान रूस या चीन का कोई जहाज इस क्षेत्र में दिखाई नहीं दिया।
10 देश दिखा रहे हैं ताकत
इस युद्धाभ्यास में 10 देशों- ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनई, कनाडा, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर और अमेरिका- के 20 महाविनाशक युद्धपोत और सबमरीन हिस्सा ले रहे हैं। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोकने के लिए अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात किया है और युद्धाभ्यास भी कर रहा है।
‘शक्ति’ पर भारी कोरोना
आमतौर पर रिमपैक में 30 देशों के 50 युद्धपोत-सबमरीन, 200 फाइटर जेट और 25 हजार जवान हिस्सा लेते रहे हैं। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से इस बार केवल 5300 जवान ही हिस्सा ले रहे हैं। करीब 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही इस अभ्यास में सैनिकों हिस्सा लेने दिया जा रहा है। कोरोना के चलते ही इसे इस बार जून-जुलाई में करने की जगह अगस्त के महीने में किया जा रहा है।
ताइवान को भी न्योता नहीं
इस तनाव को देखते हुए माना जा रहा था कि अमेरिका ताइवान की नौसेना को भी रिमपैक में शामिल होने का न्यौता दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन के साथ तनाव के चरम पहुंचने से रोकने के लिए ताइवान को इस अभ्यास में न्योता नहीं दिया। अमेरिका ने कुछ वक्त पहले ही ताइवान के साथ अपने घातक F-16V फाइटर जेट की डील की है।