अंतरिक्ष से आ रहे खतरे को भी उड़ा दे, रूस ने S-500 का टेस्ट शुरू किया

अंतरिक्ष से आ रहे खतरे को भी उड़ा दे, रूस ने S-500 का टेस्ट शुरू किया
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मॉस्को
रूस के उप रक्षामंत्री अलेक्सी क्रिवोरुतको ने ऐलान किया है कि देश की सेना 2021 में सबसे नए सिस्टम हासिल करने वाली है जबकि ‘ब्रह्मास्त्र’ माने जा रहे मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम S-500 की फुल-स्केल सप्लाई 2025 तक हो सकती है। बताया जाता है कि रूस का यह हथियार इतना घातक है कि अंत‍रिक्ष से आ रही हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी उड़ा सकता है। इस सिस्‍टम का न‍िर्माण अलमाज ऐंटी एयर डिफेंस कर्सन ने किया है।

पलक झपकते ही खात्मा
रूस के उपप्रधानमंत्री यूरीय बोरिसोव ने बताया है कि सतह से हवा में मारने वाले इस सिस्टम का टेस्ट करना शुरू कर दिया गया है। यह रूस का ऐसा रक्षा कवच है कि जो हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर ड्रोन विमानों तक का पलक झपकते ही खात्‍मा कर सकता है। 400 से 600 किलोमीटर रेंज वाला यह डिफेंस सिस्‍टम धरती के सैकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लक्ष्‍यों को भी तबाह करने में सक्षम है।

एक साथ 10 लक्ष्यों को भेद सकता है
यह मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम आवाज की रफ्तार से भी ज्यादा, 16 हजार मील प्रतिघंटे की रफ्तार से मिसाइलें लक्ष्य की ओर फायर करता है। S-500 पहली पीढ़ी के स्‍पेस डिफेंस नेटवर्क का ऐसा हथियार है जैसा दुनिया में कोई नहीं है। यह डिफेंस सिस्‍टम एक साथ 10 लक्ष्‍यों को निशाना बना सकता है। अंतरिक्ष में निचली कक्षा में घूम रहे सैटलाइट्स को भी S-500 नष्‍ट कर सकता है।

यूनानी देवता के ऊपर नाम
S-500 का मुख्‍य काम अपने नजदीक आने वाली मध्‍यम दूरी की और अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों से निपटना है। यूनानी देवता प्रोमीथियस के नाम पर इसका नाम S-500 प्रोमीथियस रखा गया है। S-500 डिफेंस सिस्‍टम को 55R6M Triumfator-M के नाम से भी जाना जाता है। पहले वर्ष 2014 में इसका उत्‍पादन किया जाना था लेकिन अब इसे बढ़ाकर वर्ष 2021 कर दिया गया है।

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