क्या पूरी दुनिया को तबाह कर सकती है विश्व की सबसे बड़ी पनडुब्बी?
दुनिया में सबसे विशाल पनडुब्बी रूस की नौसेना के पास है-टाइफून क्लास (Typhoon Class)। पश्चिम के एक्सपर्ट्स भी इसे इंजिनयरिंग का बेहतरीन नमूना मानते हैं। हालांकि, ओपन सोर्स अनैलिस्ट्स इसकी क्षमता को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। आखिरी टाइफून TK-2018 Dmitry Donsky की क्षमता और युद्ध सामग्री पर उनका शक बना हुआ है। इसकी ताकत काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें कितनी मिसाइलें हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट में एचआई सटन ने इस बारे में समझाया है-
Russian Submarine Typhoon: दुनिया की सबसे विशाल पनडुब्बी Typhoon आज कितनी ताकतवर है, इसे लेकर एक्सपर्ट्स पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। हालांकि, उनका मानना है कि अगर उसे उसकी क्षमता के हिसाब से हथियारों से लैस किया जाए तो वह आज भी घातक हो सकती है।
दुनिया में सबसे विशाल पनडुब्बी रूस की नौसेना के पास है-टाइफून क्लास (Typhoon Class)। पश्चिम के एक्सपर्ट्स भी इसे इंजिनयरिंग का बेहतरीन नमूना मानते हैं। हालांकि, ओपन सोर्स अनैलिस्ट्स इसकी क्षमता को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। आखिरी टाइफून TK-2018 Dmitry Donsky की क्षमता और युद्ध सामग्री पर उनका शक बना हुआ है। इसकी ताकत काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें कितनी मिसाइलें हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट में एचआई सटन ने इस बारे में समझाया है-
…तो कोई भी देश उड़ाने की ताकत
अगर यह बैलिस्टिक मिसाइलों से पूरी तरह लैस है तो यह पनडुब्बी किसी भी देश को उड़ाने की ताकत रखती है। हालांकि, अगर इसमें सिर्फ एक मिसाइल है तो यह किसी टेस्ट वीइकल जैसी है। दरअसल, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है कि इस पर कितनी न्यूक्लियर पावर है। इस बारे में भी जानकारी नहीं है कि रूस के पास मौजूदा वक्त में आखिर कितनी बैलिस्टिक मिसाइलें ऑपरेशनल हैं।
कभी थी सबसे ताकतवर मिसाइलों से लैस
Typhoon Class पर पहले R-39 (Rif) इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात रहती थीं। ये SS-N-20 Sturgeon मिसाइलें 53 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी थीं। ये मिसाइलें इतनी विशाल थीं कि इन्हें ले जाने के लिए बनाई गई पनडुब्बी भी दुनिया में सबसे विशाल चाहिए थी। R-39 मिसाइलों में रॉकेट मोटर के प्रॉपलेंट में लिक्विड की जगह सॉलिड ब्लॉक का इस्तेमाल किया जाता था जो कुछ समय बाद बेकार हो जाता है। करीब 20 साल पहले Typhoons की मिसाइलें एक्सपायर हो गईं और कोल्ड वॉर खत्म होने के साथ रूस ने तय किया कि मोटर बदलने पर वह लाखों रुपये खर्च नहीं करेगा। तभी R-39M मिसाइल का बेहतर वर्जन लाने का प्लान छोड़ दिया गया और Typhoons का काम भी खत्म हो गया। अब सिर्फ Dmitry Donsky बची है।
कितनी मिसाइलें हैं तैनात?
Dmitry Donsky में मॉडर्न RSM-56 Bulava मिसाइल लगी है। इसकी रेंज 5 हजार मील है और यह 6 या ज्यादा MIRVs (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री वीइकल्स) छोड़ सकती है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि इसके सभी मिसाइल ट्यूब नई मिसाइल के लिए तैयार किए गए हैं या नहीं। रूस के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें 20 मिसाइलों की क्षमता है लेकिन हाल ही में ऐसी खबरें आई हैं कि सिर्फ एक या दो ट्यूब्स को ही टेस्ट के लिए इस्तेमाल करने को अपग्रेड किया गया है। माना जा रहा है कि मंत्रालय ने नई START (स्ट्रटीजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी) के तहत ऐसी जानकारी दी है क्योंकि अब चालू और बंद, सभी ट्यूब की जानकारी देनी होती है।
अभी भी खतरनाक है Typhoon
हालांकि, अगर एक ट्यूब भी काम कर रहा है तो भी यह साफ है कि यह विशाल पनडुब्बी अभी भी ऐक्टिव है। यह रूस की नौसेना के युद्धाभ्यास में हिस्सा भी लेती है और न्यूक्लियर मिसाइलों की क्षमता के लिए इसे गिना भी जाता है। इसलिए भले ही अभी यह रूस के परमाणु हथियार के जखीरे में शामिल न हो, इसका इस्तेमाल किया भी जा सकता है। कुछ अपग्रेड और रेनोवेशन के साथ यह एक घातक हथियार साबित हो सकती है।