बांग्लादेश को कोरोना वैक्सीन देगा भारत, चीन-पाक की चाल होगी फेल
चीन और पाकिस्तान की चाल को बेअसर करने के लिए भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला बांग्लादेश की यात्रा पर हैं। इस दौरान श्रृंगला ने बुधवार को ढाका में अपने समकक्ष मसूद बिन मोमेन से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। श्रृंगला मंगलवार को यहां पहुंचे थे और विदेश सचिव का पद संभालने के बाद यह उनकी दूसरी बांग्लादेश यात्रा है।
पीएम शेख हसीना से भी मिले भारतीय विदेश सचिव
ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक श्रृंगला के साथ मसूद की बातचीत ढाका के होटल पैन पैसिफिक सोनागांव में हुई। श्रृंगला ने मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी हित के सुरक्षा से जुड़े मुद्दों, कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में सहयोग और महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की बहाली पर चर्चा हुई थी। बांग्लादेश के विदेश कार्यालय और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने श्रृंगला के इस दौरे को प्रचार से दूर रखा।
बांग्लादेश को कोरोना वैक्सीन देगा भारत
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद श्रृंखला की यह पहली विदेश यात्रा है। मसूद के साथ बातचीत के बाद श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि मेरी यात्रा बहुत संतोषजनक और बहुत छोटी रही। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा कोविड-19 का टीका तैयार होने के बाद भारत उसे प्राथमिकता के आधार पर बांग्लादेश को उपलब्ध कराएगा।
चीन की शह पर नजदीक आ रहे पाक और बांग्लादेश
बांग्लादेश के उदय से ही उसके संबंध पाकिस्तान के साथ अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों धुर विरोधी देशों को एक करने में चीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीन की चाल बांग्लादेश और पाकिस्तान को साधकर भारत को घेरने की है। जिसको अंजाम देने के लिए वह इमरान सरकार पर लगतार दबाव बनाए हुए है। पिछले महीने ही इमरान खान ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ फोन पर बात की थी।
पाक-बांग्लादेश के राजनयिक संबंधों में आ रही प्रगाढ़ता
अगस्त शुरुआत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त इमरान अहमद सिद्दीकी ने ढाका में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन के साथ एक बैठक भी की थी। दोनों देशों के बीच ऐसी बैठक को भारत समेत कई देशों में संदेह की नजर से देखा गया। बांग्लादेश सरकार ने बैठक को शिष्टाचार भेंट कहा था लेकिन विशेषज्ञों ने इसे शिष्टाचार से कहीं अधिक बताया