तुर्की-ग्रीस तनाव में कूदा फ्रांस, दोनों देशों में जंग जैसे बने हालात
तुर्की और ग्रीस के बीच भूमध्य सागर के क्षेत्र में ऊर्जा के संसाधनों पर कब्जे को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने गुरुवार को सीधे तौर पर ग्रीस को धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने हमारे जहाज पर हमला बोला तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं, ग्रीस के समर्थन में आए यूरोपीय यूनियन और फ्रांस ने ग्रीस को धमकाने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
क्या है विवाद
दरअसल पिछले कुछ दिनों से तुर्की का समुद्री तेल खोजी शिप ओरुक रीस ग्रीस के द्वीप कस्तेलोरिज़ो के नजदीक रिसर्च गतिविधि को अंजाम दे रहा है। ग्रीस का दावा है कि तुर्की का शिप उसके जलक्षेत्र में ऑपरेट कर रहा है। जबकि, तुर्की ने ग्रीस के दावे को नकारते हुए उस समुद्री हिस्से को अपना बताया है।
तुर्की और ग्रीस की नौसेना आमने-सामने
ग्रीस को डराने के लिए तुर्की ने सोमवार को कस्तेलोरिज़ो द्वीप के पास अपने कई नौसैनिक जहाजों को भेजा। जिसके जवाब में ग्रीस ने भी अपनी नौसेना को कस्तेलोरिज़ो द्वीप के आसपास तैनात कर दिया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों के नौसेनाओं की बढ़ती उपस्थिति से युद्ध का खतरा मडराने लगा है। वहीं, एर्दोगन ने इस विवाद को लेकर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी बातचीत की है।
क्या कहा एर्दोगन ने
एर्दोगन ने तुर्की की राजधानी अंकारा में एकेपी पार्टी के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा कि हमने ग्रीस से कहा है कि अगर आप हमारे ओरुक रीस पर हमला करते हैं, तो आपको भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। दरअसल ग्रीक मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि ग्रीस की नौसेना ने तुर्की के जहाज ओरुक रीस को एस्कोर्ट कर रहे एक शिप को डुबो दिया है। वहीं तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने ऐसी किसी घटना से साफ इनकार किया है।
पुराने प्रतिद्वंदी हैं तुर्की और ग्रीस
तुर्की और ग्रीस भूमध्य सागर इलाके में कब्जे को लेकर पुराने प्रतिद्वंदी हैं। पूर्वी भूमध्यसागरीय में हाइड्रोकार्बन भंडार की खोज के बाद से ग्रीस और तुर्की ऊर्जा संसाधनों पर कब्जे को लेकर पहले भी उलझ चुके हैं। ग्रीस और यूरोपीय संघ का दावा है कि तुर्की इस क्षेत्र में अवैध रूप से ड्रिलिंग कर रहा है, लेकिन तुर्की का दावा है कि यह क्षेत्र उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर है।
विवादित क्षेत्र में फ्रांस बढ़ाएगा अपनी सेना
इस बीच, फ्रांस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी भूमध्य सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाएगा। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि फ्रांस क्षेत्र में स्थिति की निगरानी करने और अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के लिए अपने दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए वह पूर्वी भूमध्य सागर क्षेत्र में अपनी सेना की उपस्थिति को अस्थायी रूप से मजबूत करेगा।