समुद्र में भारत को घेरने की साजिश में चीन-पाक
पाकिस्तान और चीन साथ मिलकर भारत को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। कुछ ही दिनों में चीन के राष्ट्रपति पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए हथियारों की नई डील भी की जानी है। वहीं दोनों देश अब समुद्र के रास्ते से भारत की सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन और पाकिस्तान साथ मिलकर ग्वादर से अफ्रीका में स्थित जिबूती तक नौसैनिक गश्त को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इनके गश्ती रास्ते में होर्मुज जल संधि का क्षेत्र भी आएगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के मुताबिक, पूरी दुनिया में निर्यात होने वाले कुल कच्चे तेल का 40 से 46 फीसदी हिस्सा ‘होर्मुज जल संधि’ क्षेत्र से ही जाता है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति में भारत समेत दुनिया की तेल सप्लाई लाइन को काट सकते हैं।
चीन अब अरबों डॉलर के हथियार की मदद से पूरी पाकिस्तानी नौसेना का रंग रूप ही बदलने जा रहा है। चीन और पाकिस्तान के बीच नौसैनिक संबंध भी तेजी से बढ़े हैं। अप्रैल में ही चीन और पाकिस्तान ने अरब सागर में एक नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था। हाल में ही जारी सैटेलाइट तस्वीरों से भी खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। फ्रांसीसी मूल की यह पनडुब्बी परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च करने में सक्षम है।
पाकिस्तानी नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए चीनी डिजाइन पर आधारित टाइप 039 बी युआन क्लास की पनडुब्बी खरीद रही है। डीजल इलेक्ट्रिक चीन की यह पनडुब्बी पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत में इजाफा करने में सक्षम है। जिसमें एंटी शिप क्रूज मिसाइल लगी होती हैं। यह पनडुब्बी एयर इंडिपैंडेंट प्रपल्शन सिस्टम के कारण कम आवाज पैदा करती है। जिससे इसे पानी के नीचे पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
इसके अलावा चीन पाकिस्तान को टाइप-054A श्रेणी के बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रीगेट्स दे रहा है जो रेडार को चकमा देने में सक्षम हैं। इसके अलावा चीन कई अन्य हथियार पाकिस्तानी नौसेना को दे रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने चीन के साथ 7 अरब डॉलर की डील की थी। पाकिस्तान अब अपना 70 फीसदी हथियार चीन से खरीद रहा है। इसके अलावा, चीन जिबूती, ग्वादर और मालदीव में नेवल बेस बनाने की तैयारी कर रहा है। नेवल बेस बनाने से चीन को अपने सैन्य साजोसामान को तत्काल किसी भी जगह भेजने में आसानी होगी। चीन की कोशिश है कि साउथ चाइना सी पर कब्जे के बाद दक्षिण एशिया पर अपना दबदबा कायम किया जाए।
पाकिस्तान की नौसेना के पास इस समय केवल नौ फ्रीगेट्स, पांच सबमरीन और 10 मिसाइल बोट तथा तीन माइनस्वीपर हैं। चीन से मिल रहे युद्धपोत से पाकिस्तानी नौसेना बेहद घातक हो जाएगी। ये युद्धपोत 4000 समुद्री मील तक हमला कर सकते हैं और इन पर जमीन से हवा और सबमरीन रोधी मिसाइलें लगी हुई हैं। पाकिस्तान को ये हथियार 2021-23 के बीच मिल जाएंगे। पाकिस्तान को मिलने वाली चीनी युआन क्लास की पनडुब्बी दुनिया में सबसे शांत मानी जाने वाली पनडुब्बियों में से एक है। इन 8 में से 4 वर्ष 2023 पाकिस्तान को मिल जाएंगी।