कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, बताई वजह
पुणे: टीम इंडिया की वनडे और टी 20 की कप्तानी छोड़ने के 9 दिनों बाद महेंद्र सिंह धोनी शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। इसके साथ ही उन्होंने पहले वनडे से पहले धोनी ने एक बड़ा खुलासा भी किया।
वनडे से पहले धोनी ने किया खुलासा
धोनी ने कहा कि भले ही मैंने अभी कप्तानी छोड़ी लेकिन मानसिक तौर पर तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई सीरीज ही मेरी आखिरी सीरीज थी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो बस सहीं वक्त का इंतजार कर रहे थे कि कब विराट टैस्ट टीम की कप्तानी करते हुए खुद को सारे दबाव से मुक्त रखते हुए अपना परफॉर्मेंस दे और मैं उसके लिए वनडे और T-20 की कप्तानी खाली कर सकूं। यानी माही ने काफी पहले ही इस फैसले के बारे में सोचना शुरू कर दिया था।
मुझसे बेहतर कप्तान बनेंगे विराट: धोनी
विराट की कप्तानी में अब तक की सबसे सफल टीम बनकर दिखाएगी। धोनी ने भारत और इंगलैंड के बीच रविवार को खेले जाने वाले पहले वनडे से पूर्व शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे यकीन है कि भारतीय टीम विराट की कप्तानी में अब तक की सबसे सफल टीम बनकर दिखाएगी और मुझसे ज्यादा मैच जीतेगी। उनकी टीम निश्चित ही तीनों प्रारूपों में कमाल करेगी।
टैस्ट के अलावा और 20 में एक ही कप्तान होना चाहिए
धोनी ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले ही कप्तानी छोड़ने का मन बना चुके थे। उन्होंने कहा कि मेरी भारत में आखिरी सीरीज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थी और उसके बाद ही मैंने बीसीसीआई को कप्तानी छोडऩे के लिए कह दिया था। पूर्व कप्तान ने साथ ही कहा कि उनके हिसाब से भारत में तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से हमारे देश में अलग अलग प्रारूप के अलग कप्तान का प्रयोग कारगर नहीं है। इसलिए टैस्ट के अलावा वनडे और ट्वंटी 20 में एक ही कप्तान होना चाहिए।
कप्तानी छोड़ने का कोई दुख नहीं
विकेटकीपर बल्लेबाज ने साथ ही कहा कि बतौर कप्तान उन्हें किसी भी बात का कोई दुख या पछतावा नहीं है। धोनी ने कहा कि जिस तरह से जूनियर खिलाड़ी टीम को आगे ले जा रहे हैं। उसे देखकर मुझे बहुत खुशी होती है। मुझे जीवन में किसी बात का दुख नहीं है। हर चीज जो आपको परेशान करती है वह आपको मजबूत बनाती है। मैंने जीवन में मुश्किल समय देखा है और फिर अच्छा समय भी देखा है।
बल्लेबाजी में अपने क्रम को बदलने के बारे में धोनी ने कहा..
उन्होंने कहा कि जब सीनियरों ने टीम छोड़ी और जूनियर टीम में आए वही जूनियर अभी आगे बढ़ रहे हैं। यह समय मैंने बहुत मजे से गुजारा। ये युवा खिलाड़ी ही टीम को बहुत अच्छी तरह से आगे ले जा रहे हैं। बल्लेबाजी में अपने क्रम को बदलने के बारे में धोनी ने कहा कि उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं होती है इसलिए वह ऐसा कर सके। उन्होंने कहा कि क्रिकेट पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक तरीके से खेला जाता है और अधिकतर खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते हैं, लेकिन मुझे बल्लेबाजी क्रम को बदलने में कोई परेशानी नहीं होती है। वैसे भी टीम में जो जिस प्रतिभा के साथ खेल सकता है उसे वही काम देना चाहिए ताकि वह बेहतर प्रदर्शन कर सके।