10 गुना ज्यादा हैं कोरोना इन्फेक्शन केस: WHO

10 गुना ज्यादा हैं कोरोना इन्फेक्शन केस: WHO
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जेनेवा
एक ओर जहां दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आंकड़ों को लेकर एक अहम जानकारी दी है। WHO का कहना है कि अभी तक इन्फेक्शन के जितने मामलों के बारे में पता है, असल मामले दरअसल उससे 10 गुना ज्यादा हो सकते हैं। बता दें कि अब तक पूरी दुनिया में 1 करोड़ 10 लाख 85 हजार 304 लोगों को कोरोना इन्फेक्शन हो चुका है जिनमें से 61 लाख 75 हजार 566 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

सिर्फ टेस्ट होने वालों में से पॉजिटिव मामलों की जानकारी
WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन का कहना है कि किसी समुदाय में कितने लोगों को इन्फेक्शन हुआ है, यह नहीं पता है। यह पता है कि जो लोग ज्यादा बीमार होते हैं, वे टेस्ट कराते हैं और उनमें से पॉजिटिव लोगों के बारे में पता चलता है। उन्होंने बताया है कि आमतौर पर इन्फेक्शन का शिकार हुए लोगों का आंकड़ा ऐसे लोगों की तुलना में दस गुना है जो इलाज के बाद ‘केस’ के तौर पर गिने जाते हैं। स्वामिनाथन ने बताया कि इन्फेक्शन की मुत्युदर कम है और औसतन 0.6 प्रतिशत है।

सबसे खराब हालात अमेरिका में
दुनियाभर में कोरोना से अब तक 5 लाख 24 हजार 828 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं जहां 28 लाख 37 हजार 612 इन्फेक्शन के मामलों में से 1 लाख 31 हजार 503 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां अभी भी हर रोज तेजी से मामले सामने आ रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। वहीं, 11 लाख 91 हजार 838 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

‘सबसे बुरा दौर आना बाकी
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा था कि अगर दुनियाभर की सरकारों ने सही नीतियों का पालन नहीं किया तो ये वायरस और लोगों को संक्रमित कर सकता है। कुछ दिनों पहले ही डब्लूएचओ चीफ ने दुनिया भर के नेताओं को राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता में कमी, वैश्विक एकजुटता में कमी, और बंटी हुई दुनिया कोरोना वायरस की रफ्तार को बढ़ा रही हैं। अगर इसे रोका नहीं गया तो अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी है।

वैक्सीन की दौड़ में सबसे आगे ऑक्सफर्ड
दुनिया के कई देश और उनके कई हेल्थ और रिसर्च इंस्टिट्यूट कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में लगे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी जिस वैक्सीन पर काम कर रही है, वह कोरोना वायरस के तोड़ की रेस में सबसे आगे है। ऑक्‍सफर्ड और AstraZeneca Plc. की वैक्‍सीन ChAdOx1 nCov-19 क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में है। इस स्टेज में पहुंचने वाली दुनिया की इस पहली वैक्‍सीन को अब 10,260 लोगों को दिया जाएगा। इसका ट्रायल ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में भी हो रहा है।

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