मुश्किल में चीन, US में टिकटॉक बैन की मांग
भारत में टिकटॉक (Tik Tok App Ban) समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध की चर्चा अमेरिका में भी हो रही है और कुछ सांसद इसका समर्थन कर रहे हैं। इन सासंदों ने अमेरिकी सरकार से इस पर विचार करने की अपील की है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि छोटे-छोटे वीडियो शेयर करने वाले ऐप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कॉर्निन ने द वॉशिंगटन पोस्ट में छपी एक खबर को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘खूनी झड़प के बाद भारत ने टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।’ वहीं रिपब्लिकन पार्टी के ही सांसद रिक क्रोफोर्ड ने कहा, ‘टिकटॉक को जाना ही चाहिए और इसे तो पहले ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए था।’
‘अपने लिए इस्तेमाल कर रही है चीनी सरकार’
पिछले हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने आरोप लगाया था कि चीनी सरकार टिकटॉक का इस्तेमाल अपने उद्देश्यों के लिए कर रही है। अमेरिकी संसद में कम से कम वैसे दो विधेयक लंबित हैं जिनमें संघीय सरकारी अधिकारियों को अपने फोन पर टिकटॉक का इस्तेमाल करने से रोकने के प्रावधान हैं। इससे लगता है कि भारत के कदम के बाद अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग जोर पकड़ सकती है।
भारत ने बैन कर दिए हैं 59 चीनी ऐप
भारत ने सोमवार को टिकटॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप को यह कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया कि यह देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए नुकासनदेह हैं। यह प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के, चीनी सैनिकों के साथ चल रहे गतिरोध के बीच लगाया गया है। इन प्रतिबंधित ऐप की सूची में वीचैट और बिगो लाइव भी शामिल हैं।
अमेरिका लगा चुका है निर्यात पर प्रतिबंध
वहीं, अमेरिका ने चीन के हॉन्ग कॉन्ग को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने की घोषणा के बाद अब अमेरिकी मूल अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। पॉम्पियो ने ट्वीट कर कहा, ‘आज अमेरिका हॉन्ग कॉन्ग को रक्षा उपकरण और दोहरे इस्तेमाल में आने वाली संवेदनशील तकनीकों के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है। यदि पेइचिंग हॉन्ग कॉन्ग को एक देश, एक प्रणाली समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से समझना होगा।’
इससे पहले प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भी अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन पर जमकर हमला बोला था।उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए लिया गया है।चीन ने सोमवार को कहा कि वह हॉन्ग कॉन्ग से संबंधित मुद्दों पर ‘गलत रुख’ दिखाने वाले अमेरिकी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाएगा।