चीनी ऐप बैन पर भारत के साथ आया अमेरिका
भारत के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर चीन ने उससे पहले से ही नाखुश चल रही दुनिया को उस पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। चीन के धुर विरोधी अमेरिका ने टकराव की स्थिति में चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारत के 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के कदम का स्वागत करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को ‘निर्दयी’ बता डाला।
भारत की संप्रभुता, अखंडता को मिलेगा बढ़ावा
पॉम्पिओ ने बुधवार को कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निर्दयता का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘हम कुछ मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के भारत के कदम का स्वागत करते हैं।’ पॉम्पिओ ने इन ऐप्स को CCP के सर्विलांस का अंग बताया और कहा कि भारत के ऐप्स के सफाए के कदम से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा जैसा भारत की सरकार ने खुद भी कहा है।
अमेरिका ने रोका चीन को निर्यात
इससे पहले अमेरिकी मूल के अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। पॉम्पियो ने ट्वीट कर कहा, ‘आज अमेरिका हॉन्ग-कॉन्ग को रक्षा उपकरण और दोहरे इस्तेमाल में आने वाली संवेदनशील तकनीकों के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है। यदि पेइचिंग हॉन्ग कॉन्ग को एक देश, एक प्रणाली समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से समझना होगा।’
अमेरिका में भी टिक-टॉक बैन की मांग
वहीं, अमेरिका के सांसदों ने अमेरिकी सरकार से भी टिकटॉक बैन पर विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि छोटे-छोटे वीडियो शेयर करने वाले ऐप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कॉर्निन ने द वॉशिंगटन पोस्ट में छपी एक खबर को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘खूनी झड़प के बाद भारत ने टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।’ वहीं रिपब्लिकन पार्टी के ही सांसद रिक क्रोफोर्ड ने कहा, ‘टिकटॉक को जाना ही चाहिए और इसे तो पहले ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए था।’