नेपाल: चीन कब्जा रहा जमीन, ऐक्शन की मांग तेज
भारत से सीमा विवाद के बीच चीन से नजदीकी बढ़ा रहे नेपाल के सामने अब अपनी जमीन को ड्रैगन से बचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसी सिलसिले में नेपाल की विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने संसद के निचले सदन में चीन के अतिक्रमण को रेग्युलेट करने की मांग करते हुए प्रस्ताव दिया है। दरअसल, नेपाल के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल 10 जगहों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। यही नहीं पेइचिंग ने 33 हेक्टेयर की नेपाली जमीन पर नदियों की धारा बदलकर प्राकृतिक सीमा बना दी है और कब्जा कर लिया है।
चीन पर अतिक्रमण का आरोप
नेपाली कांग्रेस के सांसद देवेंद्र राज कंदेल, सत्य नारायण शर्मा खनाल और संजय कुमार गौतम ने यह प्रस्ताव पेश किया है। इसके मुताबिक, ‘चीन ने दोलका, हुमला, सिंधुपलचौक, संखूवसाभा, गोरखा और रसूवा जिलों में 64 हेक्टेयर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है।’ साथ ही यह भी दावा किया गया है कि सीमा पर 35 खंभों को हटा दिया गया है जिससे उत्तरी गोरखा के रूई गांव चीन तिब्बत क्षेत्र में मिल गए हैं। गोरखा के रूई गांव के 72 घर और दारचुला में 18 घर चीन के क्षेत्र में आ गए हैं।
ओली से कार्रवाई की अपील
इससे पहले विपक्षी नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने आरोप लगाया था कि चीन जबरन नेपाल की जमीन पर कब्जा कर रहा है। उन्होंने केपी ओली सरकार से अपील की कि वह चीन के हिमालय और नेपाली गांव रुई पर कब्जा करने के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी प्रशिक्षण दे रही और उसे इस पूरे मामले पर जवाब देना चाहिए।
..तो नेपाल का बड़ा हिस्सा चला जाएगा
चीनी सरकार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) में सड़क नेटवर्क के लिए निर्माण कर रहा है जिससे नदियों और सहायक नदियों का रास्ता बदल गया है और वे नेपाल की तरफ बहने लगी हैं। न्यूज एजेंसी ANI को मिले दस्तावेज में दावा किया गया है कि अगर यह जारी रहा तो नेपाल का बड़ा हिस्सा TAR में चला जाएगा। इस दस्तावेज में चेतावनी दी गई है कि अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए तो नेपाल की और जमीन चली जाएगी।
नेपाल के विदेश मंत्री ने अमेरिका से की बात
दूसरी ओर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ से भी बातचीत की है। पॉम्पियो ने ट्वीट कर बताया कि प्रदीप से कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए दोनों देशों के सहयोग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। माइक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की बात कही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों में नेपाल और चीन के बीच संबंध काफी गहराते दिखे हैं जबकि चीन और अमेरिका एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं।