रेट कट के बाद लोन को लेकर पूछताछ में तीन गुना इजाफा: एसबीआई
हैदराबाद : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कर्ज उठाव बढ़ाने के लिये कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता है. पिछले सप्ताह बैंक ने कर्ज पर ब्याज दर में 0.90 प्रतिशत तक की भारी कटौती की जिसके परिणामस्वरुप विशेषतौर से आवास ऋण के बारे में पूछताछ काफी बढ़ी है. बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने आज यह जानकारी दी.
एसबीआई में राष्ट्रीय बैंकिंग के प्रभारी प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ऋण वृद्धि अब तक काफी कमजोर बनी हुई है. वास्तव में 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से हमारी ऋण मांग में कोई वृद्धि नहीं हुई है. अब हमारा पूरा ध्यान ऋण मांग बढ़ाने पर है.” पिछले सप्ताह रविवार को ब्याज दर कटौती के बाद से ऋण पूछताछ काफी बढ़ी है. विशेषतौर से आवास रिण के लिये ऑनलाइन पूछताछ तिगुना तक बढ़ गई.
कुमार ने कहा कि यदि आवास ऋण बाजार में गतिविधियां बढतीं हैं तो यह समूची अर्थव्यवस्था के लिये अच्छा होगा. स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने गत सप्ताहांत सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.90 प्रतिशत बडी कटौती की घोषणा करते हुये कहा था कि नोटबंदी के बाद से बैंक से कर्ज मांग घटी है. इस अवसर पर उन्होंने उम्मीद जताई कि कर्ज पर सबसे कम ब्याज दर की पेशकश से कर्ज मांग बढेगी और गतिविधियां तेज होंगी. रिजर्व बैंक के ताजा आंकडों के अनुसार दिसंबर में बैंकों में कर्ज वृद्धि पिछले 19 साल में सबसे कम गति से बढ़ी हैं. इस दौरान वृद्धि 5.1 प्रतिशत रही है जबकि एक साल पहले यह 10.6 प्रतिशत रही थी